Donald Trump Speech : ट्रंप के बयान भारत की साख पर सवाल, सरकार की चुप्पी निंदनीय : उदित राज

यूएनजीए में ट्रंप के बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने भारत की साख पर सवाल उठाए
ट्रंप के बयान भारत की साख पर सवाल, सरकार की चुप्पी निंदनीय : उदित राज

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन ने भारत में राजनीतिक हलचल तेज है। ट्रंप ने अपने संबोधन में दावा किया कि उन्होंने दुनिया की सात जंगों को रुकवाया।

उनके बयान पर भारत में विपक्षी नेताओं, खासकर कांग्रेस नेता उदित राज ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

उदित राज ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान को भारत की अंतरराष्ट्रीय साख के लिए अपमानजनक करार दिया। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने यूएनजीए में भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदारी डालने की कोशिश की है। यह भारत के लिए बेहद शर्मनाक है। सरकार को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली के अंदर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा है उससे भारत की साख और ज्यादा गिरी है।”

उन्होंने ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाया।

उदित राज ने इसे भारत की छवि को कमजोर करने वाला बयान बताया और कहा, “ट्रंप ने 40 बार यह दावा किया है, और अब फिर से दोहराया। इससे भारत दुनिया की नजरों में कमजोर दिखता है।”

उदित राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चुप्पी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत को 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन भारत सरकार ने पांच घंटे में ही ‘सरेंडर’ कर दिया।

उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि ऐसी बैठकों का क्या फायदा, जब ट्रंप अगले ही दिन भारत के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करते हैं।

उन्होंने कहा, “एस जयशंकर को डोनाल्ड ट्रंप को करारा जवाब देना चाहिए था, जैसा इंदिरा गांधी ने अपने समय में किया था।”

उदित राज ने सरकार की विदेश नीति को कमजोर बताते हुए कहा, “हमारे विदेश मंत्री में जवाब देने की हिम्मत नहीं है। यह भारत की छवि के लिए नुकसानदायक है। चीन जैसे देश ऐसी टिप्पणियों का तुरंत जवाब देते हैं, लेकिन भारत चुप रहता है।”

उन्होंने सरकार से मांग की कि वह डोनाल्ड ट्रंप के बयानों का कड़ा विरोध दर्ज कराए।

 

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