नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से हवा जहरीली हो गई है। करीब चार महीने के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। बुधवार की सुबह दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में धुंध की मोटी चादर छाई रही।
प्रदूषण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए मंगलवार को ही ग्रैप-1 (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का पहला चरण) लागू कर दिया गया था। इसके तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बुधवार सुबह 7:30 बजे तक दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 206 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है। वहीं, एनसीआर के अन्य शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है। फरीदाबाद में एक्यूआई 189, गुरुग्राम में 156, गाजियाबाद में 145, ग्रेटर नोएडा में 123 और नोएडा में 136 दर्ज किया गया।
दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई स्तर 200 से ऊपर और 300 के बीच बना हुआ है। वहीं, कुछ क्षेत्रों में यह 100 से ऊपर और 200 के बीच है, जो 'मध्यम से खराब' श्रेणी में आता है।
ग्रैप-1 के तहत सबसे अधिक ध्यान धूल नियंत्रण पर दिया जा रहा है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
500 वर्गमीटर से बड़े हर निर्माण प्रोजेक्ट को अब स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत काम करना होगा। इसके अलावा, खुले में निर्माण सामग्री रखने या मिट्टी की ढुलाई जैसी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि धूल उड़ने से रोका जा सके।
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने चेतावनी दी है कि जिन वाहनों या निर्माण साइटों से अधिक प्रदूषण फैलता पाया गया, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा या उन्हें सील भी किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं ताकि नियमों का सख्ती से पालन हो सके।
विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, खासकर बुजुर्ग, बच्चे और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोग। साथ ही घर से निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी गई है। दीपावली के समय ये वायु प्रदूषण और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।