Delhi Pollution : दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 450 के पार, लोगों का सांस लेना दूभर

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण चरम पर, एक्यूआई 450 पार
दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 450 के पार, लोगों का सांस लेना दूभर

नोएडा: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) लगातार तीसरे सप्ताह से गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 396 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।

हालांकि, एनसीआर के विभिन्न इलाकों में स्थिति और भी भयावह है, जहां एक्यूआई 450 के स्तर को पार कर गया है। पिछले 23 दिनों से लगातार यही स्थिति बनी हुई है और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद नहीं है। विभिन्न निगरानी स्टेशनों से प्राप्त आंकड़े प्रदूषण की भयावह तस्वीर पेश करते हैं।

दिल्ली में ही आनंद विहार, बवाना, बुराड़ी क्रॉसिंग, मंदिर मार्ग, वजीरपुर और विवेक विहार जैसे इलाकों में एक्यूआई 'गंभीर' से 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है। एनसीआर में स्थिति और चिंताजनक है। गाजियाबाद के लोनी इलाके का एक्यूआई 451 तक पहुंच गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। वहीं, गाजियाबाद के इंदिरापुरम (438), संजय नगर (411) और वसुंधरा (429) में भी प्रदूषण का स्तर बेहद ऊंचा है।

नोएडा के सेक्टर-125, 62, 1 और 116 जैसे इलाकों का एक्यूआई 400 को पार कर चुका है, जबकि ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-V का एक्यूआई 441 दर्ज किया गया है। 'गंभीर' वायु गुणवत्ता का स्वस्थ लोगों पर भी बुरा असर पड़ता है और यह हृदय एवं फेफड़ों के रोगियों के लिए तो अत्यंत खतरनाक साबित होती है।

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करने और शेष को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का निर्देश जारी किया है। इसका उद्देश्य लोगों के बाहरी एक्सपोजर को कम करना और वाहनों के उत्सर्जन में कमी लाना है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सात दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले एक सप्ताह तक कोहरे और स्थिर हवा की स्थिति बनी रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। ऐसी मौसमी परिस्थितियां प्रदूषकों के फैलाव में मददगार नहीं होतीं, जिससे वायु गुणवत्ता के लगातार खराब बने रहने की आशंका है।

--आईएएनएस

 

 

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