नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में विजयी उम्मीदवारों द्वारा विजय जुलूस निकालने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि विजयी उम्मीदवार न तो विश्वविद्यालय परिसर, कॉलेज, छात्रावासों और न ही शहर के किसी क्षेत्र में विजय जुलूस निकाल सकेंगे। यह फैसला डूसू चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए लिया गया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है, लेकिन अगर स्थिति की रिपोर्ट सकारात्मक नहीं रही, तो मतगणना के बाद पदाधिकारियों का कार्य रोक दिया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय में डूसू चुनाव को लेकर माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। छात्र संगठनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, और राजधानी का माहौल चुनावी रंग में रंगा हुआ है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक तैयारी की है। उत्तरी जिला डीसीपी राजा बांठिया ने बताया कि मतदान के दिन विश्वविद्यालय परिसर में कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए 600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस होंगे।
साथ ही, परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन भी चुनावी गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे। पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया है। मतदान के दिन कुछ रास्तों को डायवर्ट किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कुछ मार्गों को पूरी तरह बंद भी किया जा सकता है। खास तौर पर छात्र मार्ग को वाहनों के लिए बंद रखने की योजना बनाई गई है, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
डीसीपी ने बताया कि किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मतदान प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। कॉलेजों में मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट में छात्रों के लिए वोटिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी छात्र अपने समय के अनुसार मतदान कर सकें।