नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। हवा की कम स्पीड और गिरते तापमान के बीच राजधानी में घना और देर तक रहने वाली धुंध छाई है। गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में धुंध की मोटी परत साफ दिखाई दी। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
इंडिया गेट, राजपथ और राष्ट्रपति भवन घने स्मॉग की चादर में लिपटे हुए हैं। आईटीओ इलाके में एवरेज औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 बना हुआ है। इसके अलावा, तुगलकाबाद-महरौली-बदरपुर क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति और भी भयावह रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 479 तक पहुंच गया। सड़कों और पार्कों में भी स्मॉग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एनसीआर के शहर भी गंभीर स्थिति में हैं। फरीदाबाद में एक्यूआई 380, गुरुग्राम 385, नोएडा 372, ग्रेटर नोएडा 378 और गाजियाबाद 388 रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की दैनिक जिंदगी को प्रभावित कर दिया है। आईएएनएस से बातचीत में एक व्यक्ति ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा, "बहुत मुश्किल हो रही है। सांस लेने में दिक्कत होती है और आंखों में जलन होती है। बाहर जाना ही पड़ता है। बाहर नहीं घूमेंगे तो स्थिति बिस्तर पर पड़े रहने की बन जाएगी। कुछ होना चाहिए, लेकिन कोई कुछ नहीं करता है।"
इससे पहले, दिल्ली में बिगड़ी आबोहवा के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सरकार से नवंबर और दिसंबर के महीनों में निर्धारित शारीरिक खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आग्रह किया, ताकि एयर पॉल्यूशन से स्टूडेंट्स की हेल्थ को बचाया जा सके।
आयोग ने यह कदम सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के आलोक में उठाया, जिनमें वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और इसके बच्चों पर संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी।
--आईएएनएस
