Imran Masood On MNS Attack: संविधान की आत्मा है धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद : इमरान मसूद

इमरान मसूद बोले- भाषा पर हमला नफरत का एजेंडा, संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
संविधान की आत्मा है धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद : इमरान मसूद

नई दिल्ली:  मुंबई में मराठी न बोलने पर हिंदी भाषी व्यापारी पर मनसे पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी भाषा बोलने का अधिकार है, लेकिन ये लोग इसे समझने में विफल हैं।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "अगर कोई यहां मराठी बोलता है, तो क्या हम उसे रोकेंगे? हर व्यक्ति को अपनी भाषा बोलने का अधिकार है। ये लोग इसे समझने में विफल हैं। सभी भाषाएं सुंदर हैं। जितनी अधिक भाषाएं आप सीखेंगे, उतना ही बेहतर होगा। यह ऐसा कुछ नहीं है, जो बिना किसी कारण के किसी की पिटाई को सही ठहराए। उनके पास केवल नफरत का एजेंडा है और नफरत फैलाने के मकसद के आगे उनके पास कुछ नहीं है।"

इमरान मसूद ने कहा, "आरएसएस को मालूम होना चाहिए कि संविधान की आत्मा धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद है। बाबा साहेब ने जब संविधान को लिखा तो उसमें दलितों, शोषितों, वंचितों, कमजोर वर्गों और देश में रहने वाले अगड़े-पिछड़ों और अमीर-गरीब को बराबर अधिकार देने की बात की। यही समाजवाद है, लेकिन अब वे (आरएसएस) उसको हटाने की बात कर रहे हैं। पहले वे संविधान को मानते नहीं थे और अब उसे बदलने की बात कर रहे हैं।"

पाकिस्तान ने एक बार फिर हेग स्थित मध्यस्थता कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए भारत से सिंधु जल संधि का पालन करने की अपील की है। इस पर इमरान मसूद ने कहा, "हमें अपने देश के लिए कड़े फैसले लेने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि अमेरिका बटन दबाए और हम पीछे हट जाएं।"

कांग्रेस सांसद ने किसानों के मुद्दों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "इस सरकार को किसानों को न्याय देते हुए 10 साल हो गए? इस सरकार में खाद्यान्न के दाम 6 से 7 गुना हो गए और उन्होंने किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इस सरकार से किसानों के खेतों में खड़ा ट्रैक्टर भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उन्हें भी बोल दिया है कि अगर ट्रैक्टर 10 साल पुराना होगा तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाएगा। उनकी सोच में किसानों के लिए हमदर्दी तक नहीं दिखती है। इस समय देश के अंदर खाद्यान्न की काफी किल्लत है और इसके लिए मारामारी भी हो रही है।"

 

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...