भोपाल: कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से निष्कासित किए जाने को मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने अलोकतांत्रिक बताया है।
मोहन यादव सरकार के मंत्री सारंग ने कांग्रेस पार्टी से लक्ष्मण सिंह के निष्कासन पर कहा है कि कांग्रेस के इस फैसले से सिद्ध हो गया है कि नेहरू परिवार को सत्य बताने की जो भी कोशिश करेगा, वह पार्टी में नहीं रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्मण सिंह के खिलाफ कार्रवाई अलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण है। लक्ष्मण सिंह ने नेहरू परिवार को यथार्थ बताया, यदि जीजा वाड्रा के बारे में कोई कांग्रेसी बोल देगा तो वह कांग्रेस में नहीं रहेगा।
कांग्रेस की ओर से की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि राहुल गांधी जैसे नौसिखिए लक्ष्मण सिंह जैसे अनुभवी नेता के खिलाफ कार्रवाई करेंगे तो कांग्रेस का क्या हाल होगा। राहुल गांधी और नेहरू परिवार कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर बनाकर कांग्रेस में रखना चाहते हैं।
मंत्री विश्वास सारंग ने फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस के इस निर्णय से यह सुनिश्चित होता है कि जो नेहरू परिवार के खिलाफ बोलेगा, वो कांग्रेस में नहीं रहेगा।
दरअसल, लक्ष्मण सिंह ने पिछले दिन कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस सहित गांधी परिवार पर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कांग्रेस से जम्मू कश्मीर सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग की थी।
पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह के बयान के बाद से ही कांग्रेस के अंदर भी उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग उठने लगी थी। उसी के बाद बुधवार को पार्टी हाईकमान ने लक्ष्मण सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर करने का आदेश जारी किया।
पार्टी के फैसले से जहां कार्यकर्ता का एक वर्ग खुश है तो वहीं दिग्विजय सिंह से नाता रखने वाले लोगों में नाराजगी भी है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी भी तंज कस रही है।