नई दिल्ली: कांग्रेस ने मांग की है कि विभाजनकारी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए आरएसएस और एबीवीपी को शैक्षणिक संस्थानों से प्रतिबंधित किया जाए। कांग्रेस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) अध्यक्ष अलका लांबा और एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से आरोपी एबीवीपी कार्यकर्ताओं का बचाव किया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है।
लांबा ने कहा कि वे मध्य प्रदेश की सरकार को इन एबीवीपी कार्यकर्ताओं को कतई नहीं बख्शने देंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें लड़कियों की गरिमा और सम्मान से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने दिल्ली स्थित दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में एक छात्रा पर हुए कथित यौन उत्पीड़न का भी जिक्र किया और गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से जवाबदेही की मांग की।
एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने इस अवसर पर बोलते हुए मांग की है कि आरएसएस और एबीवीपी को शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे वहां विभाजनकारी विचारधारा फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि एबीवीपी नेता (और डूसू की संयुक्त सचिव) दीपिका झा (कोष्ठक हटाए जा सकते हैं) को दिल्ली विश्वविद्यालय के एक संबद्ध कॉलेज की एक प्रोफेसर को थप्पड़ मारने के लिए निष्कासित किया जाए।
उन्होंने केरल की एक घटना का हवाला दिया, जहां एक आईटी पेशेवर ने यह खुलासा करने के बाद आत्महत्या कर ली थी कि कैसे उसका यौन उत्पीड़न और शोषण किया गया।
एनएसयूआई अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे भाजपा शासित राज्यों में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित, धमकाया और प्रताड़ित किया जा रहा है।