Indigo Flight Crisis : कांग्रेस सांसद ने इंडिगो संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया, जबरन डुओपॉली का नतीजा बताया

कांग्रेस ने इंडिगो संकट को सरकार की नीतिगत विफलता और डुओपॉली का परिणाम बताया
कांग्रेस सांसद ने इंडिगो संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया, जबरन डुओपॉली का नतीजा बताया

चेन्नई: हवाई यात्रा संकट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि इंडिगो सेवाओं में चल रही व्‍यवधान आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार के विमानन क्षेत्र में डुओपॉली (एकाधिकार) बनाने के निरंतर प्रयास का नतीजा है।

पिछले कुछ दिनों से देश भर में चल रहे यात्रा संकट की ओर इशारा करते हुए, तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि 5 दिसंबर को इंडिगो की 1,000 से अधिक फ्लाइट्स रद्द होने और उसके बाद 6 दिसंबर को सैकड़ों और फ्लाइट्स रद्द होने से भारत का हवाई यात्रा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्‍त हो गई है।

उन्होंने इस व्‍यवधान को एक ऐसा पल बताया, जिसने केंद्र द्वारा लंबे समय से नजरअंदाज की जा रही कमजोरियों को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस नीति के नतीजे अब सबके सामने आ रहे हैं।

सेंथिल ने कहा कि यह संकट कोई स्‍वाभाविक विफलता नहीं है। यह भाजपा सरकार का पूर्वानुमानित परिणाम है जो प्रतिस्‍पर्धा को खत्‍म करने, पसंदीदा लोगों को पुरस्‍कृत करने और पूरे राष्ट्रीय उद्योग को कॉर्पोरेट सहयोगियों के एक छोटे से समूह के हिसाब से बदलने पर तुली हुई है।

उन्होंने तर्क दिया कि एविएशन सख्त सुरक्षा नियमों और लगातार निगरानी पर निर्भर करता है, उसे एक ऐसे नीतिगत ढांचे के कारण अस्थिरता में धकेल दिया गया है जो विन‍ियामक जांच को कमजोर करता है और मुट्ठी भर निजी खिलाड़ियों की पकड़ को मजबूत करता है।

सेंथिल ने कहा कि विमानन सुरक्षा के मामले में सरकार के रवैये ने उसकी लापरवाही की हदें उजागर कर दी है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने 8 जनवरी, 2024 को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम जारी किए और 1 जुलाई, को आंशिक रूप से लागू किया। उन्होंने इस क्षेत्र में व्‍यापक मंदी के बीच इन सुरक्षा नियमों को निलंबित करने के फैसले की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना नहीं है, बल्कि बेहद शर्मनाक है। पायलटों की थकान को रोकने के लिए विशेष रूप से बनाए गए नियमों को खत्म करके, बीजेपी सरकार ने कथित तौर पर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है और कॉकपिट क्रू की सुरक्षा को अनिश्चितता में डाल दिया है। स्थिति को स्थिर करने के बजाय, उन्होंने इसे और गहरा कर दिया है। इसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा और जवाबदेही इस प्रशासन के लिए अपने पसंदीदा निगमों की सुविधा के सामने कोई मायने नहीं रखती।

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मोनोपॉली बनाने की सरकार की प्रवृत्ति प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों में साफ दिखाई दे रही है। यह ट्रेंड दिखाता है कि कैसे पॉलिसी, रेगुलेशन और पब्लिक एसेट्स का इस्तेमाल एविएशन, टेलीकॉम, पोर्ट्स और दूसरे फील्ड्स में एक खास ग्रुप को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने इंडिगो संकट को विवादित इलेक्टोरल बॉन्ड से जोड़ा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया है, और कहा कि खुलासे से तस्वीर और भी खराब हो गई है। डेटा से पता चलता है कि इंटरग्लोब ग्रुप की कंपनियों ने लगभग 36 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, और इसके प्रमोटर राहुल भाटिया ने लगभग 20 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे, जिनमें से ज्‍यादातर भाजपा को गए।

--आईएएनएस

 

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