भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के मामले में सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है और अब राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए मध्य प्रदेश की पुलिस चेन्नई और कांचीपुरम गई है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप की निर्माता कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी की जाएगी और इसके लिए राज्य की पुलिस चेन्नई और कांचीपुरम रवाना हो चुकी है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नागपुर में इलाजरत बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। निम्न-स्तरीय कफ सिरप के सेवन से बीमार हुए बच्चे नागपुर में विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने नागपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, एम्स और न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में जाकर इलाजरत पांचों बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली और चिकित्सकों से विस्तृत चर्चा की।
राजेंद्र शुक्ल ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की विशेष टीम लगातार मॉनिटरिंग करती रहे।
उन्होंने बच्चों के परिजनों और अभिभावकों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। बच्चों के बेहतर से बेहतर उपचार के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी। इलाज में आया खर्च सरकार वहन करेगी। बच्चों के पूर्णतः स्वस्थ होने तक सतत मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव इस पूरे मामले में अत्यंत संवेदनशील हैं और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
पिछले दिनों छिंदवाड़ा के परासिया में बच्चों को बुखार, सर्दी, और खांसी हुई थी, उसके बाद उन्हें कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिया गया था। इसके चलते 19 बच्चों की अब तक मौत हो चुकी है। इस मामले में राज्य सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचे थे और उन्होंने हर संभव सहयोग का भरोसा दिया था।
इस मामले में मरीज को दवाई लिखने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं तीन अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं।