NCR Weather : एनसीआर में न्यूनतम पारे में गिरावट; हवा धीमी पड़ते ही बढ़ा प्रदूषण, कई इलाकों में एक्यूआई फिर खतरनाक स्तर पर

एनसीआर में ठंड की शुरुआत, तापमान गिरा और वायु गुणवत्ता बिगड़ी
एनसीआर में न्यूनतम पारे में गिरावट; हवा धीमी पड़ते ही बढ़ा प्रदूषण, कई इलाकों में एक्यूआई फिर खतरनाक स्तर पर

नोएडा: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अब ठंड ने दस्तक दे दी है। नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में पिछले 48 घंटों के भीतर न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट के अनुसार, 7 नवंबर से तापमान 13 से 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा और अगले एक सप्ताह तक इसी स्तर पर बने रहने का अनुमान है। सुबह और देर रात ठंडी हवाएं चलने से लोगों ने स्वेटर, जैकेट व ऊनी कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं।

सुबह के समय कई इलाकों में धुंध और फॉग की परत भी नजर आने लगी है। मौसम विभाग की 7-दिवसीय रिपोर्ट बताती है कि 7 से 12 नवंबर तक न्यूनतम तापमान लगातार 13 डिग्री के आसपास रहेगा, जबकि अधिकतम 27 डिग्री रहेगा। पूरे सप्ताह "फॉग" की स्थिति बनी रहने की संभावना है।

यह संकेत है कि उत्तर भारत में सर्दियों का आगमन तेज हो रहा है। तापमान में गिरावट के साथ ही हवा की रफ्तार कम होते ही वायु गुणवत्ता एक बार फिर बिगड़ने लगी है। गाजियाबाद के सभी सक्रिय प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों ने खतरनाक एक्यूआई स्तर दर्ज किए हैं, जिनमें लोनी में 311 (खतरनाक श्रेणी), वसुंधरा में 326 (बहुत खराब श्रेणी), इंदिरापुरम में 250 (बहुत खराब श्रेणी) और संजय नगर में 253 (बहुत खराब श्रेणी) पाया गया है।

इससे पहले बीते कुछ दिनों में जब हवा की गति तेज थी, तब प्रदूषण स्तर में थोड़ी राहत देखने को मिली थी, लेकिन हवा की रफ्तार धीमी पड़ते ही यह राहत खत्म हो गई। दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 300 से 370 के बीच दर्ज की गई है, जिनमें आनंद विहार में 332, बवाना में 366, चांदनी चौक में 354, बुराड़ी में 345 और अलिपुर में 316 दर्ज किया गया है।

ये स्तर गंभीर और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माने जाते हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ठंडी और प्रदूषित हवा के मिले-जुले असर से दमा, एलर्जी, सांस की बीमारी, आंखों में जलन और हार्ट पेशेंट्स को खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सुबह-शाम खुली हवा में घूमने से बचने की सलाह दी है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि तापमान और नीचे जाने पर धुंध और स्मॉग की परत और घनी हो सकती है, जिससे वायु गुणवत्ता और बिगड़ सकती है।

--आईएएनएस

 

 

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