देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को बदनाम करने और प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में कुछ लोगों ने 'कांवड़ यात्रा' को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "शुरुआती दिनों में कुछ लोगों ने कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। ऐसे तत्वों से निपटने के लिए हमने पहले ही 'ऑपरेशन कालनेमि' शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य ऐसे पवित्र समारोहों और अवसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अभियान जारी रहेगा और इसे और भी सघनता से चलाया जाएगा। हम इसे और सशक्त बनाने के लिए अतिरिक्त दिशानिर्देश बनाने पर भी विचार कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "कहीं कोई गड़बड़ी न कर पाए, ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है। कांवड़ यात्रा एक पवित्र, धार्मिक और पौराणिक यात्रा है। इस यात्रा को जो लोग बदनाम करना चाहते हैं, उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।"
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव पर बात करते हुए सीएम धामी ने कहा, "उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा ही विकास और राष्ट्रवाद को प्राथमिकता दी है। हर चुनाव में उन्होंने अपना आशीर्वाद देकर हमें काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है। जिस तरह से उन्होंने भाजपा को लोकसभा और विधानसभा में अपना आशीर्वाद दिया है, उसी तरह वे पंचायत चुनाव में भी फिर से आशीर्वाद देंगे।"
उन्होंने आपदा को लेकर हुई बैठक के बारे में भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की समीक्षा की। सभी जिलाधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों को पूर्ण सतर्कता के साथ अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारी बारिश के दौरान चारधाम यात्रा मार्ग पर यातायात प्रभावित होने की स्थिति में श्रद्धालुओं के ठहराव स्थलों पर भोजन, पानी एवं अन्य आवश्यक सामग्री सुनिश्चित की जाए। अधिकारियों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखने और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।"
उन्होंने कहा, "नदियों के बढ़ते जलस्तर और लैंडस्लाइड के खतरे को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। साथ ही, वर्षा के कारण बंद हुई सड़कों को शीघ्र खोले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।"