नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भीषण बादल फटने की घटना के बाद राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है। अब तक 53 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और उन्हें आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि राहत एवं बचाव कार्य 'फुल स्विंग' में चल रहा है और सेना, अर्धसैनिक बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस तथा प्रशासन पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं।
जितेंद्र सिंह ने पोस्ट में लिखा, "मैं सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन के साहसिक प्रयासों की तहे दिल से सराहना करता हूं, जिन्होंने इस विकट परिस्थिति में, जो एक प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ दुर्गम पहाड़ी इलाकों, अपर्याप्त संपर्क और खराब मौसम जैसी प्राकृतिक बाधाओं से जूझ रही है, हर संभव प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। स्थानीय निवासियों की भी उतनी ही सराहना की जानी चाहिए, जो 14 अगस्त की दोपहर को हुए भीषण बादल फटने की घटना से सभी स्तब्ध थे, और सबसे पहले तुरंत कार्रवाई में जुट गए थे।"
उन्होंने लिखा, "इससे ज्यादा सुकून की बात और क्या हो सकती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। दरअसल, 2014 के बाद ही केंद्र के हस्तक्षेप से पवित्र मचैल यात्रा क्षेत्र को सड़क संपर्क, मोबाइल टावर, बिजली, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा सकीं। प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जा रही है। लेकिन खोए हुए अपनों को वापस नहीं पा सकते।"
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, "53 शव पहले ही बरामद हो चुके हैं और आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिए गए हैं। यह सोचकर डर लगता है कि कितने और लोग अभी भी मलबे में दबे हैं और कितने लोग उन जानलेवा 15 सेकंड में बह गए।"
बता दें कि किश्तवाड़ के चिशोती इलाके में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आ गई। उस जगह पर यह घटना हुई, जहां श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।