मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही मची है। जिले के पधर उपमंडल की चौहारघाटी स्थित कोरतंग गांव से सटे नाले में अचानक आए पानी के सैलाब में तीन पुल बह गए। तेज बहाव के कारण नाले के किनारे स्थित खड़ी फसलें व बागीचे भी पानी और पहाड़ से आए मलबे में समा गए।
गनीमत रही कि इस आपदा में कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि खराब मौसम में लोगों को अपनी जान का खतरा भी सता रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे गांव को ही भविष्य में गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
पंचायत प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर और बीडीसी सदस्य कमला ठाकुर ने कहा, "नाले के कटाव और तेज बहाव ने क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।" उन्होंने उप-जिलाधिकारी को क्षेत्र की स्थिति और संभावित खतरे को लेकर रिपोर्ट भेजते हुए शीघ्र राहत की मांग की।
घटना पर एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रशासन की एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया है, जो नुकसान का जायजा लेकर जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा, "प्रदेश में बरसात से भारी नुकसान हो रहा है। लगातार हो रही बरसात से खासकर मंडी जिले में भारी नुकसान हुआ है।"
आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद पहुंच रही है। पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखराम चौधरी ने इसकी जानकारी दी और कहा, "केंद्र सरकार ने यहां सेना के जवान भेजे हैं, जिससे राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हिमाचल में आपदा से पहले ही 2006 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद पहुंचाई।"
हिमाचल प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले दो सालों में राज्य में कई बड़े नुकसान हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने बरसात में आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है।