CJI Suryakant : सीजेआई की शपथ लेने से पहले जस्टिस सूर्यकांत ने बताई अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता

नए सीजेआई सूर्यकांत ने लंबित मामलों को कम करने को शीर्ष प्राथमिकता कहा।
सीजेआई की शपथ लेने से पहले जस्टिस सूर्यकांत ने बताई अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता

नई दिल्ली: भारत के नामित प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने शपथ ग्रहण से पहले मीडिया से मुलाकात की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट और पूरे देश में मुकदमों के बढ़ते बोझ को घटाने के लिए समानांतर योजनाएं लागू करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारी प्राथमिकता अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम करने की होगी।

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के अगले सीजेआई सूर्यकांत ने शपथ ग्रहण से पहले मीडिया से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट और पूरे देश में मुकदमों के बढ़ते बोझ को घटाने के लिए समानांतर योजनाएं लागू करेंगे।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारी प्राथमिकता अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम करने की होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों और देशभर की अदालतों में लंबित मामलों को कैसे कम करना है, इस पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेने के तुरंत बाद वे देशभर के सभी हाईकोर्ट से बात कर ऐसे मामलों की पहचान करेंगे और उनका निपटारा करेंगे, जिसकी वजह से निचली अदालतों में मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सबसे बड़ी पक्षकार (वादी) है। इस मसले पर भी काम किया जाएगा कि इसे कैसे कम किया जाए।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में पांच, सात और नौ जजों की संविधान पीठ गठित कर लंबे समय से लंबित महत्वपूर्ण मुकदमों की सुनवाई कराने पर कदम उठाए जाएंगे। मध्यस्थता को भी कारगर ढंग से लागू किया जाएगा ताकि लाखों मुकदमों का बोझ घटाया जा सके।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, केंद्र और राज्य के बीच मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने के लिए मध्यस्थता को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कई मुद्दे और चुनौतियां हैं। इसके फायदे भी हैं, लेकिन लोगों के मन में कुछ डर भी हैं। इसे प्रक्रियात्मक मामलों में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन हर कोई चाहता है कि उसके मुकदमे का फैसला जज के जरिए हो।

अक्सर फैसलों को लेकर सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग के सवाल पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि समस्या होगी तो इसका समाधान भी होगा। देश के चीफ जस्टिस या किसी भी कोर्ट के जज को किसी भी तरह की आलोचनाओं के दबाव में नहीं आना चाहिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक और बेंच खोले जाने के सवाल पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जाहिर तौर पर यह एक मुद्दा है, लेकिन किसी भी हाईकोर्ट की स्थापना को लेकर कुछ भावनाएं जुड़ी होती हैं। लखनऊ बेंच में काफी अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में आधुनिक सुविधाओं का अभाव है। जजों की संख्या पूरी नहीं हो पा रही है। पार्किंग की समस्या है। उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है। जाहिर तौर पर लोगों को त्वरित न्याय मिलना चाहिए। हालांकि किसी भी हाईकोर्ट की नई बेंच के गठन के लिए संसद, पेरेंट हाईकोर्ट सहित सभी को फैसला लेना होता है। जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह 24 नवंबर को शपथ लेंगे।

--आईएएनएस

 

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...