Maoist Surrender : राजनांदगांव पुलिस की माओवादियों से बड़ी अपील: 1 जनवरी तक आत्मसमर्पण करें, सुरक्षा और सम्मान मिलेगा

एसपी अंकिता शर्मा ने माओवादियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की
राजनांदगांव पुलिस की माओवादियों से बड़ी अपील: 1 जनवरी तक आत्मसमर्पण करें, सुरक्षा और सम्मान मिलेगा

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने एमएमसी जोन में सक्रिय सभी माओवादियों से खुली अपील की है कि वे हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दें और समाज की मुख्य धारा में लौट आएं।

यह अपील माओवादी प्रवक्ता अनंत की 27 नवंबर की उस प्रेस रिलीज के जवाब में जारी की गई है, जिसमें माओवादियों ने 1 जनवरी 2026 तक का समय मांगते हुए सुरक्षा बलों से सर्च ऑपरेशन रोकने की गुजारिश की थी।

एसपी अंकिता शर्मा ने कहा कि माओवादियों का निवेदन गंभीरता से लिया गया है। भारत सरकार ने 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में सभी माओवादियों से हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाने की अपील की जा रही है। जो भी माओवादी राजनांदगांव पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेगा, उसकी जान-माल की पूरी सुरक्षा दी जाएगी। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया पूरी तरह भरोसेमंद और सम्मानजनक माहौल में होगी।

आत्मसमर्पण करने वालों को केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत नकद राशि, घोषित इनामी रकम, मुफ्त आवास, रोजगार या स्वरोजगार की सुविधा, बच्चों की पढ़ाई और सम्मानजनक जीवन दिया जाएगा। एसपी ने साफ कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को किसी तरह का खतरा नहीं होगा।

पुलिस ने माओवादियों के लिए कई संपर्क नंबर भी जारी किए हैं ताकि वे सीधे बात कर सकें। इनमें खुद एसपी अंकिता शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश ठाकुर, एएसपी अम्ब्रोश कुजूर, एसडीओपी आशीष कुंजाम समेत नक्सल सेल के अधिकारी शामिल हैं।

राजनांदगांव पुलिस का मानना है कि अब हिंसा का रास्ता बंद हो चुका है। विकास और शांति का मौका है। जो साथी लौटना चाहते हैं, उनके लिए पुलिस का दरवाजा पूरी तरह खुला है।

--आईएएनएस

 

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