अमरोहा: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीजीएसटी अधीक्षक और एक कर अधिवक्ता को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह राशि 4 लाख रुपये की मांगी गई रिश्वत की पहली किस्त थी। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था।
शिकायतकर्ता अपनी पारिवारिक निजी कंपनी के व्यावसायिक मामलों की देखरेख करता है। उसने आरोप लगाया कि सीजीएसटी अधीक्षक ने जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने के कारण उसकी कंपनी को जुर्माना का नोटिस जारी किया था। इसके बाद अधीक्षक और कर अधिवक्ता ने मिलकर कंपनी पर जुर्माना माफ करने के बदले 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
आरोपी अधीक्षक गजरोला में सीजीएसटी के पद पर तैनात है और उसे अमरोहा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। वहीं, कर अधिवक्ता शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहा था, लेकिन उसने अधीक्षक के साथ साजिश रचकर शिकायतकर्ता पर रिश्वत देने का दबाव बनाया।
सीबीआई ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और दोनों आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अमरोहा और गजरोला में आरोपियों के परिसरों की तलाशी शुरू की, जो अभी जारी है। इस तलाशी में महत्वपूर्ण सबूत जुटाए जाने की उम्मीद है।
इस मामले ने स्थानीय व्यापारियों और आम जनता के बीच भ्रष्टाचार को लेकर चिंता बढ़ा दी है। कई लोग सीबीआई की इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, क्योंकि यह सरकारी अधिकारियों और मध्यस्थों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जांच अभी जारी है। आगे की जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं, जिसमें अन्य लोगों की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दोनों आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।