श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच कश्मीर की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने हाई-प्रोफाइल सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (सीएटी) रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामले में छह आरोपियों के खिलाफ श्रीनगर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है।
एफआईआ कर मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में निम्नलिखित छह लोगों को आरोपी बनाए गए हैं। जिनमें, पठान मजीद अहमद खान (मुख्य सरगना); सोपोर, मुश्ताक अहमद राथर; सोपोर, मुदासिर यूसुफ वानी; तुज्जर शरीफ, गुलाम मोहम्मद रेशी; यंबरजल वानी, बशीर अहमद डार; बोनपोरा सोपोर, शामिल हैं। इनके अलावा, अनूप मिश्रा (सीएटी श्रीनगर का पूर्व कर्मचारी, जो मूल निवासी प्रयागराज (यूपी) के थे और उस समय जम्मू में तैनात थे) शामिल थे।
मामला उस वक्त सामने आया जब हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने सीएटी श्रीनगर में चल रहे टीए नंबर 4100/2021 में जमा अपने ही दस्तावेजों में भारी छेड़छाड़ पकड़ी। जांच में खुलासा हुआ कि कोर्ट की कस्टडी में मौजूद रिकॉर्ड को ही गैर-कानूनी तरीके से बदला गया था ताकि सोपोर के कुछ अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर दिखाया जा सके।
पठान मजीद खान ने सीएटी कर्मचारी अनूप मिश्रा के साथ मिलीभगत कर कोर्ट रिकॉर्ड में मनमाने ढंग से पेज जोड़े और हटाए। जांच के दौरान मजीद खान के घर से डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर, बीडीओ, तहसीलदार, जेडईओ, प्रिंसिपल, हेड मास्टर समेत कम से कम 12 सरकारी विभागों की असली और नकली मुहरें बरामद हुईं।
आरोपियों के फोन की सीडीआर और वाट्सअप चैट से साफ पता चला कि अनूप मिश्रा ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करते हुए रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की और बदले में मोटी रकम ली। मजीद खान का फोन जब्त करने पर उसमें सारी साजिश की चैट मिली।
ईओडब्ल्यू के एसपी ने बताया कि यह सरकारी दस्तावेजों और न्यायिक प्रक्रिया के साथ धोखाधड़ी का बेहद गंभीर मामला है। हमने सभी सबूत कोर्ट में पेश कर दिए हैं। आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
--आईएएनएस
