चीन से निपटने की तैयारी में भारत

S 400

रूस से मिलेगा तीसरा एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, जनवरी-फरवरी में शुरू होगी सप्लाई

नई दिल्ली: भारत को रूस की तरफ से मिलने वाली एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तीसरी यूनिट की सप्लाई अगले साल जनवरी-फरवरी से शुरू हो जाएगी। यह मिसाइल जमीन से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। भारतीय वायुसेना के 8 मेंबर्स की एक टीम रूस में इस मिसाइल सिस्टम की ट्रेनिंग ले चुकी है। इससे पहले रूस ने पिछले महीने एस-400 की दूसरी यूनिट देकर भारतीय सैन्य शक्ति में इजाफा किया था। फिलहाल इनकी असेंबलिंग की जा रही है। ये इक्युपमेंट्स समुद्र और हवाई रास्ते से भारत पहुंचे हैं।

इन मिसाइल को उन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा जहां चीन से खतरा ज्यादा है। ये सभी यूनिट अगले साल यानी 2023 के मध्य से काम करना शुरू कर देंगी। बता दें कि भारत के रक्षा बेड़े में शामिल हो रहे इस रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है। चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारतीय सेना इस ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम की बहुत जरूरत थी।

5 एयर डिफेंस सिस्टम का है करार

भारत और रूस के बीच पांच एयर डिफेंस सिस्टम का करार है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक इस मिसाइल की डील करीब 35 हजार करोड़ रुपए में की गई है। भारतीय वायुसेना को एस-400 ट्रायम्फÓ मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट (फ्लाइट) अक्टूबर 2023 तक मिलनी हैं। पिछले साल भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने जल्द से जल्द सभी यूनिट की सप्लाई करने का भरोसा दिया था। इतना ही नहीं पुतिन की यात्रा के दौरान ही एस-400 की पहली यूनिट दिसंबर 2021 में भारत को मिली थी जिसे पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया है।

रूसी अफसरों के हवाले से भी कहा गया था कि भारत और रूस सरकार के बीच एस-400 के अपडेटेड और एडवांस्ड वर्जन एस-500 को लेकर भी बातचीत चल रही है। हालांकि दोनों ही देशों की सरकारों ने इस बारे में ऑफिशियली कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था।

रूस ने समय पर सप्लाई का दिया भरोसा

जानकारी के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग के दौरान एस-400 की सप्लाई पर संकट के बादल गहराने लगे थे लेकिन रूसी रक्षा मंत्रालय ने भरोसा दिलाया कि भारत और रूस के रिश्ते पहले से ही ठीक हैं और आगे भी बेहतर रहेंगे। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी हथियारों के निर्माण में लगने वाले डिवाइस और हथियारों की सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होगी।

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