मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के ट्रेन ब्लास्ट मामले में 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में सेशंस कोर्ट ने 2015 में अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख को पहले ही बरी कर दिया था। ताजा घटनाक्रम पर अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख की प्रतिक्रिया सामने आई है।
अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "इस मामले में एटीएस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था और मैं भी उनमें शामिल था। हालांकि, 2015 में सेशंस कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। अब हालिया फैसले में सभी आरोपियों के लिए रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है और अब तक उनमें से 9 को रिहा कर दिया गया है। इसके अलावा, दो कैदी अभी भी जेल में हैं। उन दोनों पर कई झूठे मुकदमे हैं, जिनमें उनकी रिहाई होना बाकी है।"
महाराष्ट्र सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर अब्दुल वाहिद ने आगे कहा, "स्वाभाविक बात है कि अगर इस मामले में फैसला किसी के भी पक्ष में आता तो दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख जरूर करता। हाई कोर्ट के फैसले से हमारा कोई नुकसान नहीं होने वाला है, बल्कि इससे सरकार की बदनामी होगी। इतने बड़े मामले में अगर 19 साल के बाद लोग रिहा हो रहे हैं तो सरकार वापस उनको जेल में डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।"
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए था और जिन पुलिस अधिकारियों ने फंसाया है, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। मुझे लगता है कि इसमें कुछ नहीं होने वाला है और उम्मीद है कि वहां से भी सभी को बेल मिलेगी। हमारी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती के साथ केस लड़ा जाएगा।"