ऊना: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ट्रेनी जॉब नीति पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश सरकार को इसको लेकर घेरा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान तीखा तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में वित्तीय स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए जॉब ट्रेनी पॉलिसी लेकर सरकार आई है।
नई ट्रेनी पॉलिसी को लेकर उन्होंने सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि सरकारी नौकरी पाने के बाद भी युवाओं को दोहरी परीक्षा की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के दौरान हिमाचल की मदद करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने हिमाचल प्रदेश का दुख दर्द प्रधानमंत्री के समक्ष रखा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई है।
वीरेंद्र कंवर ने जॉब ट्रेनी पॉलिसी पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने खुलासा किया कि अभी हाल ही में अनुबंध पर लगे कर्मचारी भी अब ट्रेनी जॉब स्कीम में फंसे नजर आ रहे हैं। पहले एक परीक्षा देकर नौकरी में आए और अब दो साल के बाद फिर से परीक्षा देनी होगी। अगर दूसरी परीक्षा पास नहीं की, तो कर्मचारी ट्रेनी ही रहेंगे। जिससे न सिर्फ वेतनमान प्रभावित होगा बल्कि पदोन्नति के रास्ते भी बंद हो जाएंगे। प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, वित्तीय स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए यह जॉब ट्रेनी पॉलिसी लेकर सरकार आई है।
वीरेंद्र कंवर ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ओपीएस का सपना दिखाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अब कर्मचारियों की उम्मीदों को तोड़ रही है। वित्तीय जानकारी न होने के चलते ओपीएस लागू करने के बाद प्रदेश को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा। इस कारण कांग्रेस सरकार राज्य का विकास नहीं कर पा रही है। कांग्रेस ने आर्थिक दिक्कत होने के चलते जनहित की योजनाओं को बंद कर दिया। कंवर ने कहा कर्मचारी इस प्रदेश की रीढ़ हैं और कांग्रेस सरकार उन्हें कमजोर करने की साजिश रच रही है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बरसात के मौसम में आई भारी आपदा के दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई बड़ी राहत राशि पर संतोष व्यक्त किया और आभार जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार हर आपदा के दौरान प्रदेश की सरकार और जनता के साथ मजबूती से खड़ी दिखाई दी है। हिमाचल प्रदेश से केंद्र सरकार में मंत्री और सांसदों ने हिमाचल प्रदेश के हालातों पर प्रधानमंत्री को विस्तृत जानकारी प्रदान की, जिसके चलते केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में राहत और पुनर्वास के लिए न केवल बजट उपलब्ध कराया बल्कि केंद्र सरकार ने सेना को यहां भेजा, राहत और बचाव के लिए हेलीकॉप्टर लगाए गए, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अलग से बजट उपलब्ध कराया गया, आपदा प्रभावितों को राहत और पुनर्वास के लिए अलग से धन की व्यवस्था की गई।