US Tariff On India: भविष्य में ऐसी नीति बनेगी, जिससे भारत और अमेरिका के बीच आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा : गौरव वल्लभ

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा- भारत को अमेरिका देगा सबसे अच्छा ट्रीटमेंट, बढ़ेगा ट्रेड।
 भविष्य में ऐसी नीति बनेगी, जिससे भारत और अमेरिका के बीच आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा : गौरव वल्लभ

नई दिल्ली:  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भविष्य में दोनों देशों के बीच ऐसी नीति बनाए जाने की संभावना जताई, जिससे दोनों देशों के व्यापार को और बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, "पूरी दुनिया में अमेरिका, भारत का दूसरे नंबर का ट्रेड पार्टनर है। दोनों के बीच लगभग 120 अरब डॉलर की ट्रेडिंग होती है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में राष्ट्रपति ट्रंप ऐसी नीतियां बनाएंगे, जिससे दोनों देशों के बीच और ट्रेड बढ़े। दोनों देश के व्यापारिक घरानों, उद्योगों, छोटे उद्योगों और एमएसएमई को इससे फायदा हो। मुझे उम्मीद है कि अमेरिका की सरकार जो सबसे रियायती टैरिफ होगी, उसे भारत के लिए लागू करेगी।"

उन्होंने कहा, "अमेरिका भारत का दूसरे नंबर का ट्रेड पार्टनर है। दोनों देशों के बिजनेस, कंपनियां, छोटे उद्योग और कृषि हैं, दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है। मुझे पूरी उम्मीद है कि अमेरिका सबसे अच्छा ट्रीटमेंट अगर किसी को देगा, तो वो भारत को देगा।"

भाजपा प्रवक्ता ने बताया, "जिन चार-पांच चीजों को भारत अमेरिका से आयात करता है, उसमें पेट्रोल, गोल्ड, केमिकल्स और कुछ इंजीनियरिंग उत्पाद हैं। वहीं, जो एक्सपोर्ट करता है, उसमें रत्न, रिफाइंड पेट्रोल और कृषि के उत्पाद मुख्य हैं। इन सभी ट्रेड की बदौलत आज भारत अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। मुझे उम्मीद है कि अमेरिका भारत के साथ ऐसी नीति अपनाएगा, जो ट्रेड फ्रेंडली हो।

दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा। यह घोषणा ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर की। ट्रंप ने कहा कि यह निर्णय भारत द्वारा रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने को लेकर भी लिया गया है।

ट्रंप ने कहा, “याद रखिए, भले ही भारत हमारा मित्र है, लेकिन वर्षों से हमने भारत के साथ अपेक्षाकृत बहुत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं।”

 

 

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