Jagdambika Pal On Rahul Gandhi": संवैधानिक संस्था की छवि धूमिल और कमजोर करना चाहते हैं राहुल गांधी : जगदंबिका पाल

जगदंबिका पाल का आरोप, राहुल गांधी चुनाव आयोग की छवि धूमिल कर रहे हैं
संवैधानिक संस्था की छवि धूमिल और कमजोर करना चाहते हैं राहुल गांधी : जगदंबिका पाल

नई दिल्ली:  एसआईआर मुद्दे पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सोमवार को 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने पैदल मार्च निकालने की कोशिश की। हालांकि, संसद भवन से निर्वाचन आयोग के कार्यालय तक निकाले जा रहे इस पैदल मार्च को पुलिस ने बीच में ही रोक लिया और नेताओं को हिरासत में ले लिया। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने मंगलवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन पर जानबूझकर आयोग की छवि को धूमिल और कमजोर करने का आरोप लगाया।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एसआईआर को लेकर विपक्ष के प्रदर्शन पर कहा, "विपक्ष ने चुनाव आयोग पर जो आरोप लगाए हैं, उसको लेकर उनके पास कुछ कहने को नहीं है। चुनाव आयोग उन्हें बुला रहा था। आयोग उनके 30 सांसदों को आमंत्रित करके बैठक करने के लिए तैयार था। लेकिन, उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था। विपक्ष हो या राहुल गांधी हो, वे झूठ बोलते हैं और भाग जाते हैं।"

उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग उनसे सबूत मांग रही है, लेकिन वे सबूत देने के बजाय सड़क पर बैठ रहे हैं। अगर आप चुनाव आयोग से जवाब चाहते हैं तो आप सड़क पर क्यों बैठ रहे हैं? इससे साफ है कि आप अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ना चाहते हैं। अगर हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, तो यह इसी चुनाव आयोग के कराए चुनाव के कारण है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव खुद सांसद हैं, तो यह इसी चुनाव आयोग के कारण है। कांग्रेस सिर्फ संवैधानिक संस्था की छवि को धूमिल और कमजोर करना चाहती है।"

राहुल गांधी के परिणाम भयावह होने वाले बयान पर भाजपा सांसद ने कहा, "यह बयान राहुल गांधी की हताशा को दिखाता है। वो जिस तरह से सड़कों पर हंगामा कर रहे हैं, सदन चलने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, सड़क पर पुलिस के साथ झगड़ा कर रहे हैं और बैरिकेड्स तोड़ रहे हैं, यह हिंसा का संकेत है। अगर उन्हें अहिंसा और लोकतंत्र में विश्वास होता तो आज सदन चल रहा होता। सदन चर्चा के लिए है, न कि धरने के लिए।"

जगदंबिका पाल ने राहुल गांधी को दिवालियापन बताते हुए कहा कि संसद का सत्र चल रहा है; ऐसे में वे नेता प्रतिपक्ष होने के नाते, चर्चा में भाग लेने के बजाय सड़कों पर आरोप लगाते घूम रहे हैं। जनता ने उन्हें ठुकराया है, जिसके कारण उनकी हताशा दिख रही है।

 

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