पटन: उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा जारी किए गए कड़े निर्देशों के बाद बिहार में अवैध रेत खनन और भूमि माफिया के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू करने की तैयारियां जोरों पर हैं।
इन निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इन माफियाओं के वित्तीय नेटवर्क की जांच और उन्हें नष्ट करने के लिए एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया है।
विशेष रूप से गठित एसटीएफ का नेतृत्व ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों करेंगे।
इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी वित्तीय जांच करना, रेत और भूमि माफियाओं द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की पहचान करना और आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से अर्जित उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई करना है।
डीआईजी ढिल्लों को एसपी राजेश कुमार, 4 पुलिस उपाधीक्षकों और ईओयू के 5 निरीक्षकों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
यह उच्च-शक्तिशाली टीम न केवल माफियाओं के खिलाफ सीधी कार्रवाई करेगी बल्कि प्रवर्तन को मजबूत करने और व्यापक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों, संबंधित विभागों और जिला प्रशासनों के साथ समन्वय स्थापित करेगी।
यह टास्क फोर्स विशेष रूप से इस बात की जांच करेगी कि कैसे इन माफियाओं ने विशाल अवैध साम्राज्य बनाने, बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने और पहले की कानूनी कार्रवाइयों से बचने में कामयाबी हासिल की।
वित्तीय गतिविधियों के स्रोतों का पता लगाकर, एसटीएफ का उद्देश्य बिहार में अवैध खनन और भूमि हड़पने का समर्थन करने वाले व्यापक तंत्र को नष्ट करना है।
उपमुख्यमंत्री और डीजीपी की उपस्थिति में हुई एक संयुक्त उच्च स्तरीय बैठक के बाद, ईओयू ने नागरिकों से सीधे जानकारी जुटाने के लिए एक सार्वजनिक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
बिहार के लोग 90318 29072 नंबर पर कॉल करके या मैसेज भेजकर अवैध खनन, संदिग्ध संपत्ति सौदों या माफिया से संबंधित किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट कर सकते हैं। साझा की गई जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि जनता की भागीदारी से संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई को काफी मजबूती मिलेगी और प्रशासन को राज्य में रेत और भूमि माफियाओं के वर्चस्व को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार के रेत और भूमि माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की वकालत की थी।
--आईएएनएस
