पटना: बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जदयू कार्यालय में लगे पोस्टरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साथ लगी तस्वीर को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। हमलोग सभी एनडीए में हैं, सभी साथ हैं। ऐसे में इसमें नया खोजने की कोई जरूरत नहीं है।
जदयू प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार में शामिल होने आए बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एनडीए में भाजपा, जदयू समेत अन्य तीन दल मजबूती के साथ एकसाथ हैं। ऐसे में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर लगना स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीछे जो बात हुई थी उस पर मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं कि पिछली बात भूल जाइए। उन्होंने कहा कि अभी एनडीए पूर्णरूप से एकजुट है, मजबूत है, यही कारण है कि विपक्ष हतोत्साहित है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी और सीएम की तस्वीर पूरे बिहार में लगी हुई है। बिहार की जनता के दिलों में दोनों की तस्वीर साथ में है। इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है। मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं है। चुनाव आयोग स्पष्ट कहा है कि कोई सही मतदाता छूटे नहीं और कोई गलत मतदाता जुड़े नहीं, इसमें तो सभी को आश्वस्त हो जाना चाहिए। वे समय भी दे रहे हैं, अगर उस समय तक किसी तरह की कमी रह जाएगी तब कुछ चुनाव आयोग से अनुरोध किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह तो एक ऐसी प्रैक्टिस है जो चुनाव आयोग करता रहा है। इसमें सारे राजनीतिक दलों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने सवाल भी उठाया कि आखिर राजनीतिक दल सशंकित क्यों हैं? राजद नेता तेजस्वी यादव के सरकार बनने पर वक्फ संशोधन कानून को कूड़ेदान में फेंके जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि वे तो यह अभी भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों को घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अल्पसंख्यकों को आश्वस्त किया है कि किसी को भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है। इसमें सभी का ख्याल रखा गया है।
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ये नीतीश कुमार के 20 साल के शासन की खासियत रही है कि सभी अल्पसंख्यक बिहार में ही सुरक्षित महसूस करते हैं। विपक्ष के लोग घड़ियाली आंसू बहाकर वोट का जुगाड़ करते हैं। इनकी नजर सिर्फ चुनाव पर है। उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल कह चुके हैं कि इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे। अब इसके बाद क्या कहा जाए?