लखनऊ: बिहार चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बिहार चुनाव में जातीय गोलबंदी करने गए थे, लेकिन कुछ हो नहीं पाया है। बिहार में फिर से एनडीए की सरकार आ रही है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कुर्सी से दूर होने की वजह से परेशान दिखाई दे रहे हैं। वे भाजपा पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करते करते अब भारत माता का विरोध करने पर उतर आए हैं, जो सही नहीं है, इनको ये सब नहीं करना चाहिए था।
ब्रजेश पाठक ने एसआईआर पर अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि एसआईआर कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले 2002 में भी हुआ था, उस समय भी जिनकी मृत्यु हो गई थी या कहीं बाहर चले गए थे, उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था। अब भी वैसे ही हो रहा है, इसमें कुछ नया नहीं है, जिसका ये लोग विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि एसआईआर लागू हो जाने के बाद इनके प्रत्याशियों को वोट न मिले और वे चुनाव में बुरी तरह से हार जाएं, क्योंकि बाहरी लोग ही इनका वोट बैंक हैं और प्रदेश की जनता इनके बारे में जान चुकी है, जिसकी वजह से इनको वोट नहीं दे रही है, इसीलिए ये लोग बाहरी लोगों का नाम मतदाता सूची में डालकर चुनाव जीतने का प्रयास करते हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब चुनाव आयोग निष्पक्ष सूची बनाकर चुनाव कराना चाह रहा है तो उनको क्या परेशानी हो रही है। ये लोग जनता के बीच में जातिवाद का जहर अब कभी नहीं फैला पाएंगे, क्योंकि जनता जागरूक हो चुकी है और वह सब समझ रही है।
बिहार के लोगों ने जंगलराज वापस न आने देने पर एनडीए को वोट किया है। 14 तारीख को फिर से प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनने जा रही है। जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन वाली सरकार पर विश्वास है।
--आईएएनएस
