Chirag Paswan Criticism: चिराग का इशारा कहीं और, निगाहें कहीं और, बिहार की कानून व्यवस्था बेहतर : भीम सिंह चंद्रवंशी

भीम सिंह का चिराग पर तंज, बोले- इशारा कहीं और, निगाहें कहीं और; ऑपरेशन सिंदूर का किया समर्थन।
चिराग का इशारा कहीं और, निगाहें कहीं और, बिहार की कानून व्यवस्था बेहतर : भीम सिंह चंद्रवंशी

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद भीम सिंह चंद्रवंशी ने रविवार को बिहार की कानून व्यवस्था, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में प्रस्तावित चर्चा और एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' को शामिल करने के फैसले पर अपनी बेबाक राय रखी। इस दौरान उन्होंने लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कहा कि उनका इशारा कहीं और, और निगाहें कहीं और हैं।

जब सांसद चंद्रवंशी से पूछा गया कि चिराग पासवान बिहार की कानून-व्यवस्था पर लगातार सवाल क्यों उठा रहे हैं, तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि चिराग पासवान को ऐसा कैसे लगा? बिहार की विधि व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त है। कानून अपना काम कर रहा है। 'जीरो क्राइम' जैसी स्थिति कहीं नहीं होती। महत्वपूर्ण यह है कि अपराध के बाद पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया क्या होती है। बिहार सरकार की ओर से हर घटना पर त्वरित कार्रवाई की गई है।

उन्होंने आगे कहा कि चिराग पासवान का बयान चौंकाने वाला है; वे एनडीए के वरिष्ठ नेता हैं। हां, अगर उनका इशारा कहीं और, और निगाहें कहीं और है, तो यह अलग बात है। वरना कानून व्यवस्था में कोई खामी नहीं है।

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किए जाने को उन्होंने एक सकारात्मक और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि हम पहले भी 1971 के युद्ध और कारगिल विजय के बारे में पढ़ते रहे हैं। जब हमारे पाठ्यक्रम में ऐसी ऐतिहासिक विजय को जगह दी जाती है, तो इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है। आज के छात्र ही कल के जिम्मेदार नागरिक होंगे। जब उनके भीतर आत्मगौरव, राष्ट्र प्रेम और आत्मबल होगा, तभी वे देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। यह पहल एक ऐसे वर्ग को जन्म देगी जो न केवल शिक्षित, बल्कि सकारात्मक सोच से भरपूर होगा।

विपक्ष के उस दावे पर कि संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा विपक्ष के दबाव में लाई जा रही है, चंद्रवंशी ने स्पष्ट किया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तो पहले दिन से कह रहे थे कि इस पर चर्चा होनी चाहिए। यह हमारे सैनिकों की बहादुरी और सरकार के दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और अब यह दोनों सदनों में होगी। यह निर्णय किसी दबाव में नहीं, बल्कि हमारे अपने आग्रह और जिम्मेदारी से लिया गया है।

 

 

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