भारतीय सेना सैन्य परिवेश में शारीरिक एवं मानसिक आघात पर करेगी विमर्श

भारतीय सेना सैन्य परिवेश में शारीरिक एवं मानसिक आघात पर करेगी विमर्श

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना, युद्ध व सामान्य सैन्य वातावरण के दौरान उत्पन्न शारीरिक व मानसिक आघात पर विचार-विमर्श करेगी।

मिलमेडिकॉन-2025 के तहत यह विमर्श होगा, जिसका आयोजन नई दिल्ली में होने जा रहा है।

सेना शारीरिक एवं मानसिक आघात से जुड़े मुद्दों को काफी गंभीरता से ले रही है। जवानों व अधिकारियों को सही समय पर सही उपचार के लिए सेना के भीतर ही कई महत्वपूर्ण नवाचार हुए हैं। मानसिक आघात व मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर अब विश्व के कई देश भारतीय सेना की अगुवाई में नई दिल्ली में एक साथ आ रहे हैं।

इसी माह दिल्ली में मित्र देशों के साथ मिलमेडिकॉन-2025 का आयोजन होगा। यह प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सैन्य परिवेश में शारीरिक एवं मानसिक आघात से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित होगा।

भारतीय सेना के दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में होने वाले मिलमेडिकॉन-2025 आयोजन का संचालन डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल सर्विसेज (आर्मी) द्वारा किया जा रहा है। यह रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित “सुधार वर्ष” के अंतर्गत सेना की एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस सम्मेलन में विश्वभर से विद्वान, विशेषज्ञ और प्रैक्टिशनर शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ सैन्य वातावरण में शारीरिक व मनोवैज्ञानिक आघात से निपटने की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। विशेष ध्यान उन्नत कॉम्बैट ट्रॉमा केयर, स्वास्थ्य सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरती तकनीकों के उपयोग तथा आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया में नवाचार पर रहेगा। इसमें अनेक मित्र देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिससे सैन्य चिकित्सा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और सशक्त किया जाएगा।

इस अवसर पर मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की शताब्दी भी मनाई जाएगी, जिनकी अद्वितीय सेवाएं और नारी शक्ति का प्रतीकात्मक योगदान युद्धक मेडिकल केयर में महत्वपूर्ण रहा है। इस सम्मेलन के दौरान वैज्ञानिक सत्र, पैनल चर्चाएं और पोस्टर प्रेजेंटेशन के साथ-साथ आर्मी मेडिकल कॉर्प्स साइंटिफिक गैलरी भी लगाई जाएगी।

इसमें सैन्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियां और अत्याधुनिक शोध प्रदर्शित किए जाएंगे। सेना का मानना है कि उपलब्धियों के उत्सव और भविष्य की पहल, दोनों रूपों में मिलमेडिकॉन-2025 वैश्विक सहयोग, नवाचार और ज्ञान-साझाकरण को नई दिशा देगा।

--आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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