लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास को मंजूरी दी गई। सत्ता पक्ष ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेताओं ने मथुरा के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने वाला कदम बताया। सत्ता पक्ष ने इसे तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय विकास के लिए महत्वपूर्ण माना। वहीं, विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही।
योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मथुरा कॉरिडोर पर कहा कि इसे मंजूरी मिल चुकी है, और सीएम योगी ने गरीबों, देश और प्रदेश के हित में निर्देश दिए हैं। किसी को कोई असुविधा नहीं होगी।
मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है, विंध्याचल कॉरिडोर निर्माणाधीन है, और श्री राम मंदिर भव्य और दिव्य बन चुका है। अब, शेष कृष्ण कन्हैया कॉरिडोर का भी विकास किया जा रहा है। मैं देख रहा हूं कि धीरे-धीरे जन सहमति बन रही है और आगंतुकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आरामदायक अनुभव हो, इसके लिए सुविधाओं की योजना बनाई जा रही है। इसमें कोई चिंता की बात नहीं है, एक बहुत अच्छा कॉरिडोर बन रहा है।
भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि विपक्ष हर चीज में नकारात्मक राजनीति करता है। उनकी सिर्फ नकारात्मक राजनीति होती है, जबकि उन्हें सकारात्मक होना चाहिए। मथुरा का विकास होगा, लाखों लोग वहां आते हैं, और यह हम सबकी आस्था का केंद्र है। हम चाहते हैं कि यह बहुत सुंदर बने और यह बहुत अच्छी बात होगी।
अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने 'विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर कहा कि सामाजिक न्याय के बिना सही मायने में विकास संभव नहीं है। 2047 का विजन तभी साकार होगा, जब संविधान में निहित सामाजिक न्याय को स्थापित किया जाएगा, जो देश का मूल आधार है।
उन्होंने पिछड़े, दलित और वंचित वर्गों के अधिकारों और हक की वकालत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल जातिगत जनगणना की घोषणा से सामाजिक न्याय सुनिश्चित नहीं होगा। इसके लिए जनगणना के आंकड़ों का गहन चिंतन और इसे जमीनी स्तर पर लागू करने की जरूरत है।
सपा नेता संग्राम यादव ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान हमने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश देश का एक प्रमुख राज्य है। बड़ा राज्य होने के नाते इसका मानसून सत्र कुशलतापूर्वक चलना चाहिए। मानसून सत्र की अवधि बहुत कम होती है, फिर भी समस्याएं बहुत ज्यादा हैं। विपक्ष बाढ़ से हुए नुकसान और बिजली के निजीकरण जैसे जरूरी मुद्दों को उठाना चाहता था, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी आंदोलित हैं, और जनता भी उनका समर्थन कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल मर्जर के कारण ग्रामीण शिक्षा का स्तर कम हो रहा है। विद्यालयों में छात्रों का नामांकन कम हुआ। इस सरकार में बहुत सारी शराब की दुकानें खोल दी गई। इन सभी बातों पर चर्चा नहीं हो रही है। इसी कारण 'विजन डॉक्यूमेंट' पर चर्चा हो रही है।