नई दिल्ली: अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का कहना है कि बिहार में महागठबंधन की हार कई कारणों से हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र पर डकैती हुई और लोकतंत्र को खरीदा गया। उन्होंने कहा कि आचार संहिता का बिहार सरकार ने उल्लंघन किया है। दस-दस हजार रुपए महिलाओं के खाते में भेजना आचार संहिता का उल्लंघन ही है और दंडनीय कार्य है।
अवधेश प्रसाद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हम भी सरकार में 6 बार रहे हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री न तो कोई घोषणा कर सकता है और न ही कोई शिलान्यास या उद्घाटन कर सकता है। हमने उत्तर प्रदेश में हमेशा आचार संहिता का पालन किया है और यही लोकतंत्र है, लेकिन बिहार सरकार ने आचार संहिता का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अफसोस इस बात की है कि चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान नहीं लिया। दूसरे प्रदेशों में चुनाव के दौरान उन सरकारों को रोका गया, जो भाजपा की नहीं हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में वोटरों के नाम काटने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि बिहार की जनता तेजस्वी को चाहती थी, बदलाव की बयार थी। अखिलेश यादव भी वहां गए थे। मैं खुद वहां गया था। वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
अवधेश प्रसाद ने बताया कि पार्टी ने मुझे स्टार प्रचारक बनाया था। कई दिन मैं वहां था। अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है। शौचालय तक नहीं हैं, मकान नहीं हैं, घर तक जाने के रास्ते नहीं हैं। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन इन लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं।
अवधेश प्रसाद ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि नीतीश कुमार भाजपा के दबाव में काम नहीं करेंगे, लोक कल्याण के सपने को साकार करेंगे, वहां दलितों के साथ जो अन्याय हो रहा है, उनकी मदद करेंगे, और बाबा साहेब के वेलफेयर की कल्पना को साकार करेंगे।
--आईएएनएस
