गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि राज्य की मतदाता सूचियों का व्यापक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की आधिकारिक अधिसूचना पर निर्भर है। उनका अनुमान है कि यह प्रक्रिया अगले साल के मध्य तक पूरी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान मतदाता सूची में गंभीर विसंगतियां हैं, जो उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती हैं।
सीएम सरमा ने विशिष्ट मुद्दों का हवाला देते हुए, मृत व्यक्तियों, मतदान के लिए अयोग्य नाबालिगों और विवाहित महिलाओं के नामों की ओर इशारा किया, जिनकी प्रविष्टियों को उनके उपनामों या पतों में हुए बदलावों को दर्शाने के लिए अपडेट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि ये त्रुटियां एक व्यवस्थित संशोधन की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती हैं।
सरमा ने एसआईआर की पूर्व-आवश्यकता बताते हुए कहा कि एनआरसी अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। एक बार यह हो जाए, उम्मीद है कि अगले साल के मध्य तक, तो असम में विशेष गहन पुनरीक्षण अंततः हो सकेगा।
इस बीच मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने राज्य प्रशासन को एक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया है। यह उपाय एनआरसी से जुड़ी व्यापक प्रक्रिया से पहले मतदाता सूची में मौजूदा विसंगतियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए एक सुधारात्मक कदम है।
यह घोषणा असम के चुनावी डेटाबेस की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करती है।
भारत के चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि असम अपनी मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण करेगा; यह प्रक्रिया 10 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब राज्य 2026 के विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है और मतदाता सूची की सटीकता असम में राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
बता दें कि असम का राजनीतिक माहौल अक्सर नागरिकता और सीमा पार प्रवास पर बहस से प्रभावित होता है, इसलिए इस विशेष संशोधन से जनता की गहरी रुचि के साथ-साथ विपक्षी दलों की भी कड़ी आलोचना होने की उम्मीद है।
--आईएएएस
