Zubeen Garg Death : असम में ज़ुबिन गर्ग के निधन पर 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित

जुबिन गर्ग के निधन पर असम में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
असम में ज़ुबिन गर्ग के निधन पर 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को नई दिल्ली में लोकप्रिय गायक ज़ुबिन गर्ग के पार्थिव शरीर को प्राप्त करेंगे। असम सरकार ने 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान कोई भी सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम, मनोरंजन आयोजन या सरकारी भोज आयोजित नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंगापुर में गर्ग का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और उनका शरीर भारतीय राजदूत तथा गायक के एक करीबी मित्र को सौंपा गया।

सीएम सरमा ने कहा, “ज़ुबिन गर्ग का पार्थिव शरीर आज नई दिल्ली पहुंचेगा और हम उसे रविवार सुबह 6 बजे गुवाहाटी लाएंगे। सबसे पहले उनके घर काहिलीपाड़ा ले जाया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं ताकि परिवारजन अपने प्रिय जुबिन के साथ अंतिम बार कुछ निजी पल बिता सकें। इसके बाद पार्थिव शरीर को सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ले जाया जाएगा, जहां आमजन उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सिंगापुर में हुई ज़ुबिन गर्ग की अचानक मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए सीआईडी को जांच सौंपी गई है। राज्य सरकार ने इस घटना से जुड़े सभी एफआईआर को सीआईडी के पास स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।

सरमा ने कहा, “श्यामकानु महंता और सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई हैं। मैंने डीजीपी को सभी मामलों को एकीकृत जांच के लिए सीआईडी को सौंपने के निर्देश दिए हैं।”

गौरतलब है कि श्यामकानु महंता नॉर्थईस्ट फेस्टिवल के मुख्य आयोजक थे और सिद्धार्थ शर्मा गर्ग के मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे।

52 वर्षीय ज़ुबिन गर्ग का शुक्रवार दोपहर सिंगापुर में निधन हो गया, जो बॉलीवुड फिल्म गैंगस्टर के मशहूर गीत ‘या अली’ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाते थे। वह यॉट पर तैराकी करते समय दौरे (सीज़र) से पीड़ित हो गए थे।

बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी और अचानक वे बेहोश होकर गिर पड़े। सीपीआर देने और अस्पताल ले जाने के बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें दोपहर लगभग 2.50 बजे मृत घोषित कर दिया।

सिंगापुर में औपचारिक पोस्टमार्टम के बाद भारतीय दूतावास की मौजूदगी में उनका शव परिजनों को सौंपा गया।

बता दें कि ज़ुबिन गर्ग के निधन से असम की सांस्कृतिक धरोहर को अपूरणीय क्षति पहुंची है। भारत और विदेशों से श्रद्धांजलि संदेश लगातार आ रहे हैं।

 

 

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