Ashok Gehlot Statement : सरकार को अगर डेमोक्रेसी में विश्वास है तो मुख्य चुनाव आयुक्त को हटा देना चाहिए: अशोक गहलोत

गहलोत बोले—चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा
सरकार को अगर डेमोक्रेसी में विश्वास है तो मुख्य चुनाव आयुक्त को हटा देना चाहिए: अशोक गहलोत

जयपुर: एसआईआर के मुद्दे पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। चुनाव आयोग समझ नहीं पा रहा है या वह सब कुछ समझते हुए जानबूझकर यह सब कर रहा है। जो व्यवहार राहुल गांधी के साथ हुआ है, एकतरफा चल रहा है, इससे साफ है कि वह निष्पक्ष नहीं है।

अशोक गहलोत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग अगर निष्पक्ष नहीं है, तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। चुनाव आयोग से सभी पार्टियां निष्पक्ष रहने की उम्मीद करती हैं। स्थिति तो ऐसी है कि मैंने आजादी के बाद ऐसा माहौल कभी नहीं देखा। ऐसे व्यक्ति को तो पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार को अगर डेमोक्रेसी में विश्वास है तो अपनी और चुनाव आयोग की निष्पक्षता समाप्त कर चुके व्यक्ति को पद पर नहीं रहने देना चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त को हटा देना चाहिए।

राजस्थान सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लोगों का भरोसा खो चुकी है। किसी भी कार्यक्रम में लोग नहीं आ रहे हैं, कुर्सियां खाली रहती हैं। इन्हें यह समझना चाहिए। यह सरकार और इसका नेतृत्व समझना चाहिए। ये सभी फेल हो चुके हैं। अगर लोग नहीं आ रहे हैं तो यह समझना चाहिए कि लोगों ने सरकार पर से भरोसा खो दिया है। अभी लोग तकलीफ में हैं और बाद में ये लोग तकलीफ में आएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों की हालत खराब है। किसी की शिकायत है कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। दो–तीन महीने से पेंशन न पाने वालों की सूची बड़ी है। इनके मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री अलग-अलग भाषा बोलते हैं। उनमें समन्वय ही नहीं है। जिन्हें पेंशन मिलती है, उनके लिए यह बड़ी रकम होती है, लेकिन ये समझ ही नहीं रहे हैं।

न्यूक्लियर सेक्टर में प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देने पर उन्होंने कहा कि मामले को संसद में आने दो। वहां चर्चा होगी। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात रखेंगे। संसद में चर्चा होगी कि इनकी नीति क्या है और दुनिया भर का इसमें अनुभव क्या है। इसके बाद ही कुछ कहना उचित होगा।

--आईएएनएस

 

 

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