नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा में कांग्रेस को उसकी 'गलती' याद दिलाई। पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का जिक्र किया। सुलेमान, अफगान और जिब्रान का नाम बता 'ऑपरेशन सिंदूर' से लेकर 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए उनके खात्मे का पूरा ब्योरा दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के उस सवाल का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने केंद्र से पहलगाम हमले को लेकर सबूत मांगे थे।
कांग्रेस को उसका ब्लंडर याद दिलाते हुए लोकसभा में शाह ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ। 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। मैं रात में ही श्रीनगर निकल गया। पीएम मोदी ने 23 अप्रैल को सीसीएस की मीटिंग की। कांग्रेस का ब्लंडर था सिंधु जल संधि। हमने इसे सस्पेंड किया। पाक नागरिकों के वीजा सस्पेंड कर उन्हें भेजने का काम किया। सीसीएस ने संकल्प लिया कि जहां आतंकी छिपे हैं, सुरक्षा बल उन्हें उचित जवाब देगी।"
इससे पहले शाह ने ऑपरेशन महादेव को लेकर भी बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा, "कल (28 जुलाई) को ऑपरेशन महादेव में सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान तीन आतंकी एक संयुक्त अभियान में मारे गए। सुलेमान लश्कर का कमांडर था। इसके ढेरों सबूत हैं। अफगान और जिब्रान ए श्रेणी के आतंकी थे। ये तीनों पहलगाम हमले के आतंकी थे और तीनों मारे गए।"
वहीं, पी चिदंबरम की डिमांड पर गृह मंत्री शाह ने कहा, "आतंकी कहां से आए, कहां गए, ये जिम्मेदारी किसकी है? ये हमारी ही जिम्मेदारी है। जब आपकी सरकार थी, तब किसकी जिम्मेदारी थी? चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आतंकी पाकिस्तान से आए, इसका सबूत कहां है?"
शाह ने कहा, "चिदंबरम जी को कहना चाहता हूं कि हमारे पास सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे। दो के तो पाकिस्तान के वोटर होने की बात मौजूद है। इनके पास जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान मेड हैं।"
उन्होंने कहा कि इस देश का पूर्व गृह मंत्री देश के सामने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है। वे पाकिस्तानी नहीं थे, ये कहकर चिदंबरम कह रहे हैं कि जब वे पाकिस्तान के नहीं थे तो उन पर हमला क्यों किया। पाकिस्तान को बचाने का षड्यंत्र देश के 130 करोड़ लोग जान गए हैं।