नई दिल्ली: नई दिल्ली में आठवां राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2025 गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों और बीएसएफ के प्रयासों को सलाम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ संकल्प और देशवासियों के समर्थन ने दुनिया भर में आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का एक कड़ा संदेश दिया है।
अमित शाह ने कहा कि भारत अब नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, स्टार्ट-अप्स, हरित ऊर्जा और नवाचारों में विश्व में अग्रणी है। भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसके साथ ही देश के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। हमें और अधिक सतर्क रहना होगा और समस्याओं का समाधान अधिक जागरूकता के साथ करना होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का बढ़ता कद आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ाएगा। इन चुनौतियों से बेहतर समन्वय के माध्यम से निपटने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने रणनीति विकसित करने, उन्हें लागू करने और उनकी निगरानी के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों की समरूप टीमों के गठन का निर्देश दिया। साथ ही वास्तविक समय में डेटा साझा करने के लिए एक विश्वसनीय पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किए जाने की बात कही।
उन्होंने राष्ट्रीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और उनके समाधान तैयार करने के लिए प्रत्येक राज्य के युवा पुलिस अधिकारियों को शामिल करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन वरिष्ठ अधिकारियों को युवा अधिकारियों का मार्गदर्शन करने, उन्हें चुनौतियों से परिचित कराने और समाधान खोजने का मार्ग दिखाने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने विभिन्न राज्यों में फैले कई मुद्दों को हल किया है। अगले 5-10 साल देश के विकास और सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से 'सुरक्षा, सजगता और समन्वय' के आदर्श वाक्य को अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन और नशीले पदार्थों की चुनौती से निपटने के लिए एक समान दृष्टिकोण अपनाने को कहा। नागरिकों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा के लिए पुलिस के प्राथमिक कर्तव्य पर जोर देते हुए अमित शाह ने प्रत्येक राज्य पुलिस बल और केंद्रीय एजेंसी को आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने का निर्देश दिया।
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने पुलिस महानिदेशकों से राज्य प्रशासनों के साथ समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया, ताकि जमीनी स्तर पर 300 से अधिक केंद्रीय और राज्य विकास योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
समुद्री सीमाओं पर छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने घुसपैठ और तस्करी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए राज्य पुलिस की क्षमता निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद विरोधी पहलों की भी समीक्षा की और बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।