All India Speakers Conference 2025: औपनिवेशिक शासन में देश के खिलाफ कानूनों का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते थे स्वतंत्रता सेनानी: ओम बिरला

दिल्ली विधानसभा में विट्ठलभाई पटेल के शताब्दी वर्ष पर स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस 2025 आयोजित
औपनिवेशिक शासन में देश के खिलाफ कानूनों का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते थे स्वतंत्रता सेनानी: ओम बिरला

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी स्थित दिल्ली विधानसभा में ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन किया गया। विट्ठलभाई पटेल के केंद्रीय विधानसभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यह सम्मेलन हुआ। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया।

लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम जिस कक्ष में आज उपस्थित हैं, वो आजादी और देश के लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों का सभागार है। 1925 में ये पहले नेशनल असेंबली का साक्षी रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रथम निर्वाचित भारतीय अध्यक्ष बनने के शताब्दी वर्ष पर दिल्ली विधानसभा में अखिल भारतीय स्पीकर्स सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश की विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों ने हिस्सा लिया। ओम बिरला ने कहा कि इस कक्ष में स्वतंत्रता सेनानी औपनिवेशिक शासन के दौरान भी देश के खिलाफ लाए जाने वाले कानूनों का लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराते थे।

ओम बिरला ने आगे कहा, "हमारे संविधान निर्माताओं ने इस बात की व्यवस्था की कि सदन के अंदर बोलने वाला कोई भी व्यक्ति सरकार की आलोचना या विरोध करे तो उसे अभिव्यक्ति का विशेषाधिकार मिले।"

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 100 वर्ष पूर्व 1925 में जब विट्ठलभाई पटेल चुने गए, तभी इस देश में लोकतंत्र शुरू हो गया था। लोकसभा हो या विधानसभा, उनमें स्पीकर का काम बेहद महत्वपूर्ण होता है। आज हमें ट्रांसपेरेंसी, एआई और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है। विधानसभा पेपर लेस हुई है, निश्चित तौर पर ये पर्यावरण के लिए बहुत ही अच्छा है। आईटी और टेक्नोलॉजी की वजह से आज हम तेजी के साथ काम कर रहे हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह भवन भारतीय लोकतंत्र की शुरुआत का प्रतीक है। लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जान की बाजी को लगाकर हमें आजादी दिलाई। विट्ठलभाई पटेल ने हमें ऐसे आदर्श प्रस्तुत किए हैं, जो हम सभी के लिए एक सीख है। हमें नेशन फर्स्ट पर काम करना है। देशहित में पार्टी पॉलिटिक्स का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज इस व्यक्तित्व को याद करते हुए कहा जा सकता है कि वे हम सभी के आदर्श हैं। हर किसी को यह तय करना होगा कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। हमें सदन में चर्चा करने का पूरा अधिकार है, लेकिन हमें हमेशा जनता के हितों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। जब हम देश की आजादी के 100 वर्ष में कदम रखेंगे, तब हमारे देश में एक नई प्रकार की ऊर्जा होनी चाहिए।

 

 

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