AI Agriculture: फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सीएम भूपेंद्र पटेल ने एआई तकनीक अपनाने पर दिया जोर

एआई से खेती में क्रांति: भूपेंद्र पटेल ने बताया कृषि परिवर्तन का विजन
गांधीनगर: फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सीएम भूपेंद्र पटेल ने एआई तकनीक अपनाने पर दिया जोर

गांधीनगर:  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गांधीनगर में आयोजित एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 को संबोधित किया। सम्मेलन का मुख्य विषय सीमांत प्रौद्योगिकी कृषि परिवर्तन के लिए एक रोडमैप रहा। नीति आयोग की प्रतिष्ठित फेलो देबजानी घोष ने मुख्य वक्ता के रूप में हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने भाषण की शुरुआत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए की। उन्होंने कहा कि हमने हाल ही में सरदार पटेल की 150वीं जयंती मनाई है और सरदार की इस पवित्र भूमि पर सभी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के जो बीज बोए थे, उनका फल आज मिल रहा है।

भूपेंद्र पटेल ने कृषि परिवर्तन को भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के दृष्टिकोण का केंद्रबिंदु बताया। कृषि, आर्थिक मजबूती, ग्रामीण समृद्धि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है। वर्टिकल फार्मिंग, डिजिटल ट्विन्स, प्रिसिजन एग्रीकल्चर, स्मार्ट सेंसर्स, एजेंटिक एआई, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स और उन्नत मशीनीकरण जैसी नई तकनीकें उत्पादकता बढ़ाने, स्थिरता लाने और किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करने के बड़े अवसर दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि भारत इस परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन देश की कृषि और खेती के परिदृश्य की विविधता को स्वीकार करना जरूरी है। वर्षा पर निर्भर छोटे किसानों से लेकर व्यावसायिक स्तर के किसानों तक हरेक को अलग चुनौतियां मिलती हैं और उन्हें अनुकूलित समाधान चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तकनीकों से कम जगह में ज्यादा फसल उगाई जा सकती है। फसल की डिजिटल कॉपी बनाकर पहले से योजना तैयार की जा सकती है। सटीक तरीके से खेती हो सकती है। मिट्टी और मौसम की सही जानकारी मिल सकती है। एआई खुद निर्णय ले सकता है। आधुनिक मशीनें काम आसान बना सकती हैं। इससे पर्यावरण भी बचेगा और किसानों की कमाई बढ़ेगी।

सम्मेलन में विशेषज्ञ किसान और उद्योग जगत के लोग शामिल हुए। यह आयोजन गुजरात को कृषि में एआई का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि मिलकर एआई को हर किसान तक पहुंचाएं।

 

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