युगांडा में एमपॉक्स से संक्रमित के मामले 8000 के पार, 50 मौतें दर्ज

कंपाला, 5 सितंबर (आईएएनएस) युगांडा में एमपॉक्स से संक्रमित मामलों की संख्या 8,001 हो गई है, जिसमें 50 मौतें हुई हैं, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देश में नए संक्रमणों में गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी एक राष्ट्रीय स्थिति रिपोर्ट में कहा कि पिछले 24 घंटों में 15 नए संक्रमण और दो मौतें दर्ज की गईं।

मंत्रालय ने बताया कि साप्ताहिक घटना मामलों में कुल मिलाकर गिरावट आई है। अगस्त 2024 में महामारी का प्रकोप घोषित किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, "अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार लगातार छह महामारी विज्ञान सप्ताहों में प्रत्येक सप्ताह 100 से कम मामले दर्ज किए गए हैं।"

मंत्रालय के अनुसार, अब तक 146 जिलों में से 120 में प्रकोप की शुरुआत के बाद से कम से कम एक मामला दर्ज किया गया है और 40 जिलों में पिछले 21 दिनों में नए मामले दर्ज किए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, "पुष्ट मामलों में 50 मौतें हुई हैं, जिनमें से 46 प्रतिशत एचआईवी से सह-संक्रमित थे।"

शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उच्च जोखिम वाली आबादी, निगरानी, ​​​​मामले के प्रबंधन और जन जागरूकता पहलों को लक्षित करते हुए टीकाकरण अभियान जारी रखे हुए हैं।

एमपॉक्स, जिसे मंकीपॉक्स भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रामक रोग है, जो निकट संपर्क से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, लिम्फ नोड्स में सूजन, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और पीठ दर्द शामिल हैं।

एमपॉक्स मुख्य रूप से किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलता है, जिसे एमपॉक्स है, जिसमें घर के सदस्य भी शामिल हैं। निकट संपर्क में त्वचा से त्वचा, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा का संपर्क शामिल है, और इसमें एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के आमने-सामने रहना भी शामिल हो सकता है (जैसे एक-दूसरे के पास बात करना या सांस लेना, जिससे संक्रामक श्वसन कण उत्पन्न हो सकते हैं)।

लोग कपड़ों या लिनेन जैसी दूषित वस्तुओं से, स्वास्थ्य सेवा में सुई की चोट से, या टैटू पार्लर जैसी सामुदायिक जगहों पर भी एमपॉक्स से संक्रमित हो सकते हैं।

गर्भावस्था या प्रसव के दौरान यह वायरस शिशु में जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान एमपॉक्स का संक्रमण भ्रूण या नवजात शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है और इससे गर्भपात, मृत जन्म, नवजात शिशु की मृत्यु या माता-पिता के लिए जटिलताएं हो सकती हैं।

--आईएएनएस

डीकेपी/

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