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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। अच्छी सेहत के लिए लोग अपनी थाली में तरह-तरह की चीजें शामिल करते हैं। अब इन तमाम चीजों में केल भी शामिल हो गई है। केल की सब्जी में भरपूर पोषण होता है। आयुर्वेद इसे शरीर को हल्का, पाचन को मजबूत और रक्त को शुद्ध करने वाली सब्जी मानता है। वहीं, विज्ञान का भी कहना है कि इसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है।
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, केल शरीर को नई ऊर्जा देने और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। इसमें विटामिन-के, विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, फाइबर और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो रोजमर्रा की थकान को दूर करते हैं।
केल में मौजूद विटामिन-के खून को जमने नहीं देता। यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है ताकि उम्र बढ़ने के साथ वे कमजोर न हों। वहीं विटामिन-ए आंखों की रोशनी, त्वचा की चमक और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, यह विटामिन शरीर को संक्रमण से बचाने में बड़ी भूमिका निभाता है।
केल में मौजूद विटामिन-सी शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाता है, जो शरीर में बनने वाले हानिकारक तत्वों को खत्म करते हैं।
आयुर्वेद में केल को अस्थि-धातु पुष्टिकारक कहा गया है, यानी यह हड्डियों को मजबूत करने वाला आहार है। आयुर्वेद में कहा गया है कि जब शरीर में 'अम' यानी शरीर की अशुद्धियां बढ़ती हैं, तो त्वचा मुरझाने लगती है, थकान बढ़ती है, और रोग जल्दी पकड़ लेते हैं। केल का नियमित सेवन इन अशुद्धियों को साफ करता है, जिससे शरीर हल्का, ऊर्जा से भरा और साफ महसूस होता है।
दिल की सेहत के लिए भी केल फायदेमंद है। वैज्ञानिक शोध की मानें तो, केल में ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और रक्त वाहिनियों को लचीला बनाए रखते हैं। जब नसें लचीली रहती हैं, तो दिल को खून पंप करने में कम मेहनत करनी पड़ती है। यही वजह है कि केल हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है।
पाचन के लिए भी केल किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों की सफाई करने में मदद करता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि जब आंतें साफ रहती हैं, तो मन शांत और ऊर्जा दोगुनी रहती है। केल आंतों में अवांछित पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है, जिससे कब्ज जैसी आम परेशानियां दूर हो सकती हैं।
--आईएएनएस
पीके/एएस