नई दिल्ली: ट्रंक मूवमेंट शरीर के धड़, रीढ़ की हड्डी और आसपास के अंगों की गतिशीलता को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण व्यायाम है। इसमें कमर को घुमाना, झुकना और सीधा करना जैसे कार्य शामिल हैं, जो दैनिक गतिविधियों और खेलों जैसे गोल्फ, टेनिस और तैराकी में अहम भूमिका निभाते हैं।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, सामान्य योग प्रोटोकॉल का हिस्सा यह सरल अभ्यास रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, और निचले हिस्से की अकड़न से राहत दिलाता है। ट्रंक मूवमेंट के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं।
ट्रंक मूवमेंट के नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो संतुलन और स्थिरता के लिए आवश्यक है। मजबूत कोर से पीठ और कमर में चोट का खतरा कम होता है। यह व्यायाम पेट के अंगों को उत्तेजित करता है, मुद्रा और सांस समन्वय में सुधार करता है, साथ ही पीठ दर्द और तनाव से राहत दिलाता है। खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए भी यह उपयोगी है, क्योंकि कई खेलों में ट्रंक मूवमेंट महत्वपूर्ण होती है।
दैनिक जीवन में झुकना, उठाना, मुड़ना, चलना और दौड़ना ट्रंक मूवमेंट के उदाहरण हैं। इसके अलावा, प्लैंक, साइड प्लैंक और ट्रंक रोटेशन जैसे व्यायाम भी इसे बढ़ावा देते हैं। ये अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि खेल प्रदर्शन को भी उन्नत करते हैं।
ट्रंक मूवमेंट एक सरल और प्रभावी व्यायाम है जो रीढ़ की गतिशीलता, कोर की मजबूती और पूरे स्वास्थ्य को के लिए बेहतर होता है। सही तकनीक और सावधानी के साथ इसका नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट इसके करने से पहले कुछ सावधानी भी रखने की सलाह देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे धीरे-धीरे और सही तकनीक के साथ करना चाहिए। हृदय संबंधी समस्याओं या गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अभ्यास के दौरान सजगता के साथ सांस पर ध्यान देना और दर्द होने पर तुरंत रुक जाना जरूरी है।