पटना, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। दीपावली के बाद मंगलवार सुबह से बिहार में प्रदूषण देखने को मिल रहा है। पटना, गया, भागलपुर सहित कई आस-पास के जिलों में सुबह से ही धुएं की चादर ने शहर को ढक कर रखा है। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से ऊपर पहुंच गया है।
दीपावली की रात हुई जमकर आतिशबाजी ने हवा में जहरीले कणों की परतें चढ़ा दी हैं। हवा की रफ्तार धीमी होने और तापमान में उतार-चढ़ाव से यह परतें अब ठहर-सी गई हैं। इसकी वजह से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। लोग घर से निकल रहे हैं, तो मास्क लगातार निकल रहे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है, हालांकि बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र से 25 अक्टूबर के आसपास हल्की बारिश की संभावना है, जो इस जहरीली धुंध को धो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, हवा की रफ्तार महज 2-3 किमी/घंटा रह गई है, जिससे प्रदूषण कण जमीन के करीब फंसे हुए हैं। गया और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में भी एक्यूआई 250 के आसपास है, जबकि हाजीपुर में तो 304 तक दर्ज हुआ, जो 'सीवियर' कैटेगरी में आता है। इस वजह से सांस की बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं।
20 अक्टूबर की सुबह वाल्मीकिनगर का न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि पटना में यह 24.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 33.8 डिग्री सेल्सियस मापा गया। इन तापमानों के साथ हवा की रफ्तार महज 2 से 3 किलोमीटर प्रति घंटा रही। इस वजह से भी पटना सहित आस-पास के शहरों में हवा में धूलकण और धुआं फंसा रह गया।
मौसम विभाग ने कहा कि लोगों को सुरक्षित रहने की जरूरत है। लोग घर से बाहर निकलें तो मुंह पर मास्क लगातार रखें। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद जोखिमभरा हो सकता है।
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