दुनिया का शोर कर रहा तंग, 'साउंड हीलिंग' से सुनें भीतर की आवाज, तनाव-मुक्त होंगे आप

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। सब दिन होत न एक समान, अक्सर अपने बड़ों को हमने ये कहते सुना है। सही भी है, जिंदगी के कुछ पल ऐसे आते हैं जब सब कुछ धुंधला लगने लगता है। आसपास लोग होते हैं, लेकिन भीतर सन्नाटा गूंजता है। न कोई शब्द काम आता है, न कोई सलाह। बस मन थक चुका होता है, और ऐसे में ही 'साउंड हीलिंग' एक वरदान बनकर उभरता है।

साउंड हीलिंग (ध्वनि चिकित्सा) एक प्राचीन उपचार विधि है, जिसमें विशेष ध्वनियों और कंपन का उपयोग करके मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त किया जाता है।

प्राचीन भारत, चीन और तिब्बत में यह पद्धति हजारों वर्षों से प्रचलित है। आज यह विज्ञान भी मानता है कि ध्वनि की तरंगें हमारे मस्तिष्क की तरंगों (ब्रेन वेव्स) को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिक भी इस बात को प्रमाणित करते हैं।

जब हम 'टिबेटियन सिंगिंग बाउल' या 'ट्यूनिंग फोर्क' जैसे इंस्ट्रूमेंट की ध्वनि सुनते हैं, तो यह हमारे मस्तिष्क की 'ब्रेनवेव्स' को अल्फा (8–12 हर्ट्ज), थीटा (4–8 हर्ट्ज), और डेल्टा (0.5–4 हर्ट्ज) रेंज में लाने में मदद करता है।

2016 के एक अध्ययन (गोल्डस्बाई, जरनल ऑफ एविडेंस बेस्ड इंटिग्रेटिव मेडिसिन) में पाया गया कि साउंड बाउल थेरेपी के बाद प्रतिभागियों में तनाव और बेचैनी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई। यह उनकी ब्रेनवेव्स के शांत होने के कारण था।

साउंड बाउल्स की कंपन मस्तिष्क को अल्फा और थीटा वेव्स (रिलैक्सेशन और मेडिटेशन से जुड़ी तरंगें) की ओर लाने में मदद करती है। इससे कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर कम होता है जिससे तनाव मुक्ति में मदद मिलती है और नियमित साउंड थेरेपी से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, विशेषकर उन लोगों में जो चिंता या अवसाद से जूझ रहे होते हैं।

साउंड बाउल्स की रिदमिक वाइब्रेशन शरीर की बायोलॉजिकल रिदम (जैसे दिल की धड़कन, सांसों का चलना) को भी संतुलित करती है, जिससे हृदय गति और श्वास में संतुलन बना रहता है। एनआईएच की कई रिसर्च में पाया गया है कि नियमित साउंड हीलिंग से ब्लड प्रेशर कम होता है जिससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का जोखिम घटता है।

साउंड हीलिंग कोई जादू नहीं है, और न ही यह सबके लिए एक जैसा काम करती है। लेकिन जब दुनिया की आवाजें बहुत भारी लगने लगें, तब अपने भीतर की आवाज को सुनने के लिए ये एक बेहद कोमल, असरदार माध्यम बन सकती है।

ये शब्दों से परे, एक कंपन है, जो हमें निराशा से खींच कर आशा और जिंदगी की ओर ले जाती है।

--आईएएनएस

केआर/

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