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नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को दिल्ली की पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी मोहल्ला क्लीनिकों के नाम पर बड़े घोटाले हुए थे। साथ ही, उन्होंने केजरीवाल की पार्टी पर आरोप लगाया कि ये क्लीनिक हाल के महीनों में बंद होने की असली वजह छिपाकर झूठ फैला रही है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लिनिक, जो या तो सड़क किनारे पोर्टा केबिन में या आप वॉलंटियर्स से बहुत ज्यादा किराए पर लिए गए कमरों में खोले गए थे, वे सिर्फ आधे दिन के ओपीडी सेंटर के तौर पर काम करते थे, जिसे केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार का जरिया बनाया।
सचदेवा ने बताया कि इनमें से ज्यादातर क्लीनिक में डॉक्टर भी नहीं थे। इन्हें कंपाउंडर चलाते थे और इनमें किसी भी तरह की डायग्नोस्टिक सुविधाएं नहीं थीं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने बार-बार देखा है कि ये मोहल्ला क्लिनिक कैसे धोखाधड़ी के सेंटर बन गए हैं। इसमें एक ही फोन नंबर से कई मरीजों को रजिस्टर करना और फर्जी डायग्नोस्टिक टेस्ट के नाम पर पैसे का गबन करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों में अपॉइंट किए गए ज्यादातर स्टाफ को हेल्थकेयर सर्विसेज के लिए ट्रेनिंग भी नहीं दी गई थी। उनकी नियुक्तियां किसी एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेस से नहीं की गईं और उनमें से लगभग सभी आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान, जब दिल्ली के लोगों को लोकल लेवल पर मेडिकल ट्रीटमेंट और डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब केजरीवाल ने इन मोहल्ला क्लीनिकों को बंद कर दिया। दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल और सौरभ भारद्वाज के बयानों में दिख रही निराशा और पाखंड को साफ-साफ देख सकते हैं, जो पिछले कुछ महीनों से इन क्लीनिकों के बंद होने के बारे में झूठ फैला रहे हैं।
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल द्वारा बनाए गए भ्रष्टाचार के इन सेंटर्स को हटाकर, रेखा गुप्ता की सरकार अब सरकारी जगहों पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोल रही है, जो पूरी बेसिक मेडिकल टेस्टिंग सुविधाओं, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से लैस हैं, जिससे दिल्ली का हेल्थकेयर सिस्टम सच में मज़बूत हो रहा है और लोगों को सही सर्विस मिल रही है।
बता दें कि हाल ही में सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि भाजपा सरकार ने शहर में 170 और मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने दावा किया था कि इस फैसले से राजधानी के हेल्थकेयर नेटवर्क को बहुत बड़ा झटका लगा है।
--आईएएनएस
पीएसके