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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। ज्यादातर लोगों की यही परेशानी होती है कि उनका वजन तेजी से बढ़ रहा है और कम होने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन इसके उलट कुछ लोग वजन न बढ़ने की परेशानी से भी जूझ रहे होते हैं।
ओवरइटिंग करने पर भी कुछ लोगों का वजन नहीं बढ़ता है, लेकिन बीमार हो जाने पर उनका वजन कम जरूर हो जाता है। ऐसी समस्या से बचने के लिए आयुर्वेद में तरीके बताए गए हैं, जिससे प्राकृतिक तरीके से वजन को संतुलित किया जा सकता है।
अगर शरीर में दुबलापन या कमजोरी बनी रहती है, तो ये धीमी पाचन अग्नि और शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दिखाता है। आयुर्वेद में दुबलेपन को कमजोर पाचन अग्नि से जोड़ा गया है। अगर पाचन क्षमता कमजोर होती, तो भोजन में मौजूद पोषक तत्व पूरी तरह कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाते हैं और शरीर कमजोर होने लगता है। इसके लिए पहले पेट की पाचन शक्ति को मजबूत करना और कब्ज जैसी परेशानियों को दूर करना होगा।
दुबलेपन को दूर करने के लिए आहार में परिवर्तन लाना जरूरी है। ऐसे में सुबह की शुरुआत ही पौष्टिक आहार से करनी होगी, लेकिन उससे पहले पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए गुनगुने पानी के साथ नींबू और शहद लें। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होगा। फिर नाश्ते में केला, खजूर और अंजीर का शेक ले सकते हैं। इसमें प्रोटीन से लेकर अच्छी वसा भी मौजूद है।
दोपहर के खाने में दाल जरूर शामिल करें और उसके साथ ज्यादा सब्जी और कम रोटी का सेवन करें। रात के समय हल्का लेकिन पौष्टिक आहार लें, जैसे सूप या दलिया। इसके साथ रात को सोने के समय दूध और एक चम्मच घी जरूर लें। वजन को बढ़ाने और शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने के लिए घर पर बना छैना जरूर खाएं। ये शरीर की कमजोरी दूर करेगा और हीमोग्लोबिन भी बढ़ाएगा।
आयुर्वेद में कई चूर्ण भी बताए गए हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं, जैसे रात को अश्वगंधा और दूध लेना चाहिए। इसका सेवन करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है। घी, मिश्री और केले का सेवन करने से भी वजन बढ़ता है इसके लिए धागे वाली मिश्री का सेवन करें। इसके साथ किसी भी तरह का च्यवनप्राश लेना भी अच्छा रहेगा, जो पाचन को दुरुस्त करने का काम करेगा। आयुर्वेद में एक हर्बल ड्रिंक भी बताई गई है जिसमें दूध में इलायची, खजूर, बादाम और केसर होता है। इसे पीने से वजन तेजी से बढ़ता है।
--आईएएनएस
पीएस/एएस