तनाव या अनिद्रा को दूर करता है ये प्राणायाम, छात्रों के लिए भी विशेष लाभदायी

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। योग हो या प्राणायाम इनके पास कई समस्याओं का समाधान है। ऐसे में बात तनाव, अनिद्रा या अन्य मानसिक समस्याओं की हो तो भ्रामरी प्राणायाम बेहद लाभदायी है।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास को न केवल मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए बल्कि छात्रों के लिए भी लाभदायक बताता है।

मंत्रालय के अनुसार, 'भ्रामरी' शब्द 'भ्रमर' से लिया गया है, जिसका अर्थ भौंरा होता है। इस प्राणायाम में निकलने वाली ध्वनि भौंरे की गुंजन जैसी होती है, इसलिए इसे भ्रामरी प्राणायाम कहा जाता है। यह शांतिकारक प्राणायाम तनाव, चिंता, क्रोध और मानसिक अतिसक्रियता को कम करने में बेहद प्रभावी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि भौंरे जैसी ध्वनि का प्रतिध्वनिक प्रभाव मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। यह तनाव संबंधी विकारों जैसे अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर और तनाव को दूर करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है। नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है और ध्यान की शुरुआत के लिए यह उत्कृष्ट तैयारी प्रदान करता है।

भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि सरल है। शांत जगह पर पद्मासन या सुखासन में बैठें। रीढ़ सीधी रखें, आंखें बंद करें। दोनों कानों को अंगूठों से ढकें, तर्जनी उंगलियां माथे पर, बाकी उंगलियां आंखों पर रखें और नाक से गहरी सांस लें। सांस छोड़ते हुए गले से 'हम्म्म' ध्वनि निकालें। एक चक्र पूरा होने पर सामान्य सांस लें। 5-7 चक्र दोहराएं। खाली पेट सुबह या शाम करें।

भ्रामरी के अभ्यास से होने वाले लाभों की लिस्ट भी लंबी है। इससे तनाव, चिंता और क्रोध से मुक्ति मिलती है। ये मस्तिष्क की नसों को शांत कर सिरदर्द, माइग्रेन में राहत देता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर अनिद्रा को दूर करता है। एकाग्रता और याददाश्त को तेज करता है। यही नहीं इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस

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