तनाव, प्रदूषण और थकान के बीच ऑक्सीजन की कमी बन रही बड़ी परेशानी, योग से राहत

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। हर दिन की भागदौड़, बढ़ता प्रदूषण, नींद की कमी, चिंता और लगातार स्क्रीन टाइम, ये सब सेहत पर बुरा असर डाल रहे हैं। ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होना एक आम बात बनती जा रही है।

ऑक्सीजन की कमी केवल थकान या सिरदर्द का कारण नहीं बनती, बल्कि यह गंभीर बीमारियों की शुरुआत का संकेत भी हो सकती है।

आयुष मंत्रालय का मानना है कि अपनी जीवनशैली में योग को शामिल करना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि ये फेफड़ों को मजबूती देता है और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है।

त्रिकोणासन :- त्रिकोणासन के अभ्यास से फेफड़ों के चारों ओर की मांसपेशियां फैलती हैं, जिससे सांस लेने की क्षमता अपने आप बढ़ जाती है। यह फैलाव शरीर को अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करने और उसे बेहतर तरीके से शरीर में पहुंचाने में मदद करता है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी को मिलने वाला खिंचाव शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है।

अधोमुख श्वानासन :- अधोमुख श्वानासन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का बहाव बेहतर होता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी सुचारू हो जाती है। यह आसन तनाव को कम करता है और दिमाग को अधिक ऑक्सीजन मिलने में मदद करता है, जिससे मानसिक स्पष्टता आती है।

यष्टिकासन :- यष्टिकासन को करते समय रीढ़ सीधी रहती है और श्वास नली बिना किसी दबाव के खुलती है। जब श्वास बिना रुकावट के भीतर जाती है, तो फेफड़ों तक पहुंचने वाली हवा की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर को शुद्ध ऑक्सीजन ज्यादा मिलती है। यह आसन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो घंटों कंप्यूटर या मोबाइल के सामने झुककर काम करते हैं और जिन्हें खुलकर सांस लेने में दिक्कत होती है।

मत्स्यासन :- मत्स्यासन से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज होता है। इसके साथ ही, यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को भी संतुलित करता है, जो पूरे मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

Related posts

Loading...

More from author

Loading...