तमिलनाडु: डीसीडी ने कफ सिरप का उत्पादन किया बंद, लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू

चेन्नई, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण विभाग (डीसीडी) ने एक गंभीर खुलासा करते हुए श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स की फैक्ट्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। बेंगलुरु हाईवे पर स्थित इस यूनिट द्वारा निर्मित 'कोल्ड्रिफ सिरप' (बैच नंबर एसआर-13) में डायथाइलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई, जो किडनी फेलियर और मौत का कारण बन सकता है।

यह मामला मध्य प्रदेश और राजस्थान में 14 बच्चों की मौत से जुड़ा है, जिसने पूरे देश में दवा उद्योग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग ने फैक्ट्री का उत्पादन तत्काल बंद कर दिया और विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विभाग को 1 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:37 बजे मध्य प्रदेश औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से सूचना मिली, जब राज्य में सरकारी अवकाश था, लेकिन जनहित को प्राथमिकता देते हुए उप निदेशक एस. गुरुभारती के निर्देश पर वरिष्ठ औषधि निरीक्षक की टीम ने उसी शाम 4 बजे जांच शुरू की।

गहन निरीक्षण में औषधि नियम, 1945 की संशोधित अनुसूची एम (जीएमपी) और अनुसूची एल1 (जीएलपी) के 39 गंभीर तथा 325 प्रमुख उल्लंघन पाए गए। खासतौर पर, सिरप के निर्माण में सहायक पदार्थ के रूप में गैर-औषधीय ग्रेड प्रोपिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया गया, जो डीईजी और एथाइलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। ये रसायन नेप्रोटॉक्सिक (किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले) हैं और बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।

कार्रवाई में तत्परता बरतते हुए टीम ने कोल्ड्रिफ सिरप के अलावा चार अन्य सिरपों के नमूने भी लिए, जिनमें रेस्पोलाइट डी (एसआर-30), रेस्पोलाइट जीएल (एसआर-45), रेस्पोलाइट एसटी (एसआर-22), और हेपसैंडिन (एसआर-46) हैं। फैक्ट्री में उपलब्ध स्टॉक को आगे वितरण रोकने के लिए फ्रीज कर दिया गया।

नमूनों को चेन्नई की सरकारी औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया, जहां अवकाश के बावजूद प्राथमिकता से टेस्टिंग की गई। 2 अक्टूबर को जारी जांच में और अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद राज्यव्यापी अलर्ट जारी किया गया। सभी औषधि निरीक्षकों को वितरण सूची भेजी गई, ताकि थोक और खुदरा स्तर पर स्टॉक जब्त किया जा सके। ओडिशा और पुडुचेरी को भी ईमेल से सूचित किया गया।

--आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी

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