Hand Hygiene Awareness India : हैंड वॉश के समय ‘सुमंक’ को अपनाएं और बीमारियों को कहें बाय-बाय

कोविड और मानसून बीमारियों से बचाव के लिए अपनाएं ‘सुमंक’ हाथ धोने की विधि
हाथ धोने का सही तरीका : हैंड वॉश के समय ‘सुमंक’ को अपनाएं और बीमारियों को कहें बाय-बाय

नई दिल्ली:  देश भर में कोविड-19 के प्रकोप के बाद पर्सनल हाइजीन पर खास ध्यान दिया गया है। इस वर्ष कोविड के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, मानसून का सीजन आने से अन्य संक्रमण से संबंधित बीमारियां भी पांव पसार रही हैं। बैक्टिरिया या वायरस से होने वाली बीमारियों के संक्रमण के प्रसार और रोकथाम दोनों में हमारे हाथ की बहुत अहम भूमिका है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को हाथ धोने का सही तरीका पता है। चाहे विश्व स्वास्थ्य संगठन हो भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय, इनकी ओर से कई बार हाथ धोने के सही तरीकों के बारे में जागरूक किया जाता रहा है।

नेशनल हेल्थ मिशन (यूपी) के ‘स्वच्छ हाथ, सुरक्षित जीवन’ अभियान ने भी हाथ धोने के तरीके बारे में जरूरी जानकारी रोचक तरीके से दी है। इसके तहत यह बताया गया है कि सिर्फ हाथ धोना काफी नहीं, बल्कि सही तरीके से हाथ धोना जरूरी है। इसके लिए ‘सुमंक’ विधि को अपनाने की सलाह दी जाती है, जो एक प्रभावी और आसान तरीका है।

ऐसे में समझना जरूरी है कि 'सुमंक' क्या है? ‘सुमंक’ अंग्रेजी के लेटर 'एसयूएमएएनके' से मिलकर बना है। यह हाथ धोने के 6-स्टेप वाले प्रोसेस को दर्शाता है। नेशनल हेल्थ मिशन इसके बारे में विस्तार से जानकारी देता है।

इसमें 'एस' का मतलब है 'सीधा'- यानी धोते हुए साबुन से पहले सीधी हथेलियों को बारी-बारी से घिसें।

'यू' का मतलब है 'उल्टा'- जिसके अनुसार हाथों को उल्टा करके भी बारी-बारी से रगड़े।

'एम' मतलब 'मुट्ठी'- यानी मुट्ठी बंद करने के बाद भी हाथों को साबुन से अच्छी तरह रगड़े।

'ए' का मतलब है अंगूठे- यानी मुट्ठी बंद कर हाथों को रगड़ने के बाद अंगूठों को भी ठीक से रगड़ें।

'एन' का मतलब है 'नाखून'- यानी अपने नाखूनों को भी अच्छी तरह साफ करें।

'के' कलाई को दर्शाता है- यानी सबसे अंत में अपनी कलाइयों को भी ठीक से रगड़ें।

इस तरह 'सुमंक' के जरिए आप हाथ को सही तरीके से धोने का क्रम आसानी से याद कर सकते हैं और बहुत सी बैक्टीरिया या वायरस जनित बीमारियों के प्रसार को रोक सकते हैं।

यूनीसेफ के अनुसार, इन 6 प्रक्रिया में कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर सुखाना चाहिए।

'सुमंक' विधि से बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनकों को प्रभावी ढंग से हटाया जा सकता है। यह विधि फ्लू, कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों से बचाव में काफी हद तक प्रभावी हो सकती है। यह सभी लोगों के लिए जरूरी है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए इसे ध्यान रखना बहुत अहम है। 'सुमंक' विधि रक्त प्रवाह में सुधार के अलावा अस्पतालों में होने वाले संक्रमणों को कम करने में भी मददगार है। यह सस्ता और आसान उपाय है, जो स्वास्थ्य लागत को भी कम करता है।

स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार, सही तरीके से हाथ धोने से बीमारियों से बचा जा सकता है। साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने की आदत डालकर, न केवल स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं बल्कि कई बीमारियों को पनपने से भी रोक सकते हैं। नियमित रूप से 'सुमंक' विधि अपनाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

 

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