शिरीष: आयुर्वेदिक गुणों का खजाना, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। शिरीष का नाम भले ही थोड़ा अनजान सा लगे, लेकिन इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आयुर्वेद में शिरीष को एक बहुत ही प्रभावशाली औषधि माना गया है। इसकी छाल, पत्तियां और बीज तीनों ही सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। खास बात यह है कि यह शरीर को अंदर से साफ करता है और कई तरह की बीमारियों से बचाव करता है।

सबसे पहले बात करें त्वचा रोगों की तो शिरीष खुजली, दाद, एक्जिमा और घाव जैसी समस्याओं में बहुत असरदार है। अगर त्वचा पर खुजली या फोड़े-फुंसी हैं तो इसकी छाल या पत्तियों की राख बनाकर लेप लगाया जा सकता है। इसे पानी में उबालकर उससे प्रभावित अंग को धोना भी फायदेमंद रहता है।

खांसी, सर्दी और अस्थमा में भी शिरीष बहुत राहत देता है। इसकी पत्तियों को शहद के साथ खाने से खांसी में आराम मिलता है। आप चाहें तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। जो लोग एलर्जी या सांस की दिक्कत से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह किसी प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है।

शिरीष को विषनाशक औषधि भी कहा गया है। पुराने समय में इसका उपयोग सर्पदंश या जहरीले पदार्थों के असर को कम करने में किया जाता था। यह शरीर को विषमुक्त करने का काम करता है और रक्त को भी साफ रखता है।

पाचन तंत्र के लिए भी यह बहुत उपयोगी है। कब्ज, गैस या दस्त जैसी समस्याओं में शिरीष आराम पहुंचाता है। इसके अलावा, जो लोग जोड़ों के दर्द या सूजन से परेशान हैं, उनके लिए भी यह वरदान है। उबली हुई पत्तियों की सिकाई करने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

शिरीष आंखों और कानों की समस्याओं में भी काम आता है। आंखों में जलन या संक्रमण हो तो इसकी पत्तियां पीसकर पट्टी लगाई जा सकती हैं। कान दर्द में पत्तियों का रस डालने से तुरंत राहत मिलती है।

इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। इसलिए यह बार-बार बीमार पड़ने की समस्या को भी दूर करता है।

हालांकि, शिरीष का उपयोग शुरू करने से पहले किसी अनुभवी वैद्य या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि इसका सही तरीका और मात्रा पता चल सके।

--आईएएनएस

पीआईएम/वीसी

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