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नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियों के मौसम में शरीर में अकड़न और जोड़ों में दर्द की शिकायतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में तेल से शरीर में मालिश करना स्वास्थ्य के लिए वरदान है। मालिश करना सदियों से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। बशर्ते सही तरीके और सावधानी से की जाए।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि सर्दियों में नियमित मालिश कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह रक्त संचार बेहतर बनाती है, मांसपेशियों को आराम देती है, त्वचा को पोषण देती है और ठंड से होने वाली परेशानियों से राहत दिलाती है।
खासकर सरसों, तिल या बादाम का तेल गुनगुना करके मालिश करने से शरीर गर्म रहता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सर्दी में मालिश शरीर की गर्मी बनाए रखने का प्राकृतिक तरीका है। यह जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की जकड़न और सूखी त्वचा की समस्या में विशेष लाभकारी है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए तो यह और भी लाभकारी है।
सुबह सूरज निकलने के बाद हल्की धूप में मालिश करने से विटामिन डी का लाभ भी मिलता है। मालिश के बाद गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे तेल अच्छी तरह त्वचा में समा जाता है। हालांकि, मालिश के फायदों के साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बहुत ज्यादा ठंड से प्रभावित शरीर के हिस्से पर जोर से या तेज मालिश कभी नहीं करनी चाहिए। यह नुकसानदेह हो सकता है। ऐसा करने से ऊतक (टिश्यू) क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और स्थिति और गंभीर हो सकती है। अगर त्वचा सुन्न हो गई हो, कठोर पड़ गई हो या लाल फफोले पड़ गए हों, तो यह फ्रॉस्टबाइट (ठंड से त्वचा का जमना) का संकेत हो सकता है। ऐसे में मालिश बिल्कुल न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
खास ध्यान देने की बात यह भी है कि लंबे समय तक कड़ाके की ठंड में बाहर रहने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो शरीर को अच्छी तरह ढककर रखें, खासकर हाथ, पैर, कान और माथे को भी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में मालिश स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होती है, लेकिन सावधानी बरतनी भी जरूरी है। घर में मालिश करते समय तेल को ज्यादा गर्म न करें, वरना जलने का खतरा रहता है। हमेशा हल्का गुनगुना तेल इस्तेमाल करें और मालिश हल्के हाथों से करें। वहीं, बच्चों और बुजुर्गों की मालिश किसी जानकार से करवाएं।
--आईएएनएस
एमटी/एबीएम